कान आपके शरीर का एक अभिन्न अंग हैं। इनके होने से ही आप अपने आसपास होने वाली चीजों को सुन पाते हैं। दीवारों के भी कान होते हैं लेकिन उनके कान कभी दिखाई नहीं देते हैं। वैसे ही अगर आप अपने कानों का ध्यान नहीं रखेंगे तो होने के बाद भी ये आपके किसी काम नहीं आएँगे।
कानों को आपके शरीर की 5 इन्द्रियों में से एक माना जाता है। इनके होने से ही आपके शरीर का एक तंत्र पूरा होता है। यही वजह है कि आपने ईएनटी (ENT) स्पेशलिस्ट के बारे में सुना होगा और अगर अपने कानों, नाक और जबान का ध्यान नहीं रखा होगा तो इनके पास इलाज भी करवाया होगा।
कानों की ग्रंथियाँ मुँह और नाक से जुड़ती हैं और यही वजह है कि कई बार लोग सुनने के साथ साथ बोलने की शक्ति को भी खो देते हैं। यदि इन दोनों के जुड़ाव वाली नस या तंत्रिका पर असर हो जाता है तो आप मूक बधिर कहलाते हैं। इन इन्द्रियों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है और इस आर्टिकल में हम आपको उसके बारे में ही बताने वाले हैं।
कानों का इस तरह से रखें ध्यान, कभी नहीं होगा नुकसान: Kaanon Ka Is Tarah Se Rakhein Dhyaan, Kabhi Nahin Hoga Nuksaan
आवाज नीचे करके सुने गीत और अन्य चीजें: Lower the volume of songs and others
आवाज नीचे वाला डायलॉग एक फिल्म में इस्तेमाल किया गया था और वो काफी प्रचलित हुआ था। सेहत के लिए और खासकर कानों के लिए ये बेहद जरूरी है। ऐसे कई लोग हैं जो तेज आवाज में गाने बजाना और सुनना पसंद करते हैं। ये सभी स्थितियाँ सेहत के लिए नुकसानदेह हैं जो सही नहीं है।
कर्ण पुराण: Karna Purana
इसके नाम में पुराण है लेकिन ये कोई किताब नहीं बल्कि एक क्रिया का नाम है। इस क्रिया में आप एक करवट लेट जाएं और यदि आप इसे हर दिन कर रहे हैं तो महज एक या दो बूँद हल्का गर्म तेल कानों में डालें। यदि आप सप्ताह में ऐसा कर रहे हैं तो पांच से आठ बूँदें डालने से लाभ होगा। इस दौरान ध्यान दें कि तेल बेहद ज्यादा गर्म ना हो। एक बार कान में तेल ड़ाल लेने पर पांच या दस मिनट उसी अवस्था में रहें। इसके बाद कान से बाहर आए तेल को किसी सूती कपडे या कॉटन से हटा दें। अब इसी प्रक्रिया को दूसरे कान में करें। इससे आपको काफी लाभ होगा।
कानों की सफाई करें: Clean Ears
कानों को साफ रखना बेहद जरूरी है। ऐसा करते समय रुई का इस्तेमाल करें लेकिन इस रुई के फाहे को कानों के परदे और उससे जुड़ी तंत्रिका के पास ना ले जाएं और ना ही उसपर जोर दें। अगर आपने ऐसा किया तो उससे कानों को नुकसान हो सकता है और अमूमन लोगों को इसकी वजह से ही कानों में दिक्कत होती है। बेहद हल्के हाथों से ऐसा करें, ठीक वैसे ही जैसे आप रोटियाँ बेलते हैं/ बेलती हैं।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए है, इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रुप में नहीं लिया जा सकता। कोई भी स्टेप लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लें।)