क्या है अभयारिष्ट और क्यूँ इस्तमाल किया जाता है?
अभयारिष्ट कब्ज के लिए एक आयुर्वेदिक सिरप है , जो आंतों के मार्ग को मजबूत करने और स्वाभाविक रूप से मल त्याग को बढ़ावा देने के लिए हर्बल क्लींजर के साथ तैयार किया गया है। केरल आयुर्वेद भी पाचन और हल्के पेट की ऐंठन के लिए इस अरिष्टम की सिफारिश करता है।
अभयारिष्ट को आयुर्वेद में चमत्कारी दवा बताया गया है। क्योंकि, इस हर्बल दवा को कई सारी आयुर्वेदिक चीजों को मिलाकर बनाई गई है। यह मुख्य रूप से पाचन समस्याओं जैसे गैस (Gas Problem), ब्लोटिंग कब्ज और हेमोरोइड्स के इलाज के लिए प्रयोग की जाती है। ज्यादातर इसका उपयोग पाचन से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है।
अभयारिष्ट कब लेना चाहिए?
अभयारिष्ट दिन में दो बार लिया जा सकता है, अधिमानतः भोजन के बाद । 15-20 मिलीलीटर अभयारिष्ट को बराबर मात्रा में पानी में मिलाकर दिन में दो बार पिएं। आप इसे चिकित्सक के निर्देशानुसार भी पी सकते हैं।
अभयारिष्ट पीने के क्या फायदे हैं?
1. गैस और सूजन
अभयारिष्ट में मुख्य घटक के रूप में हरीतकी होती है जो पेट से गैस और ऐंठन को कम करती है। जिन लोगों को गैस और सूजन की समस्या रहती है वो इसका उपयोग कर सकते हैं।
2. बवासीर का इलाज
बवासीर एक ऐसी बीमारी है जो कि बहुत ही कष्टकारी और पीड़ादायक होती है। वर्तमान समय में इस बीमारी से ज्यादातर लोग परेशान हैं। इसकी परेशानी की मुख्य वजह हमारी जीवन शैली में बदलाव एवं खानपान को माना गया है।आजकल खराब खानपान के चलते कई सारी बीमारियां आम बनती जा रही हैं उनमें से एक है बवासीर। जिसमें कई बार बहुत ज्यादा दर्द होता है। ऐसे में आपको इस समस्या से अभयारिष्ट छुटकारा दिलाएगा। ये निचली आंत से दबाव को हटाकर लाभ देता है जिससे रेक्टल की नसों में सूजन कम हो जाती है। यह कब्ज से भी छुटकारा दिलाता है जो बवासीर का सबसे आम कारण होता है।
3. एनल फिशर
फिशर का मुख्य कारण सख्त मल और कब्ज होता है। ये इसी के कारण बनते हैं। आंतों की मूवमेंट को नियमित करके यह दवा एनल फिशर को ठीक करने में काफी लाभकारी है।
4. कब्ज की समस्या का खातमा
अभयारिष्ट को यदि नियमित रूप से लिया जाए तो यह कब्ज और मल त्याग से आराम दिला सकता है।
5. मूत्र विकारों को रोकता है
अभयारिष्ट में ऐसे भी गुण पाए जाते हैं जो मूत्र रोग, मूत्र असंयम, गुर्दे की पथरी और पेशाब जैसी समस्याओं को रोकने और उनका इलाज करने में मदद करता है।
Ingredients of Abhayarishta in Hindi – अभयारिष्ट में सामग्री
आपकी अधिक जानकारी के लिए आपको बतादें की यह हर्बल लिक्विड निम्न चीजों से बना है:
- अभया (हरितकी – टर्मिनलिया चबुला)
- द्राक्षा (सूखे अंगूर)
- मधुका (मधुका इंडिका)
- विदंगा (एम्बेलिया रिब्स), कषयं के लिए पानी
- गुड़
- त्रिवृत (ऑपेरुक्लिना टेरपेथम)
- गोक्षुरा (ट्रिबुलस टेरिस्ट्रिस)
- धन्याका (धनिया)
- धाताकी (वुडफोर्डिया फ्रूटिकोसा)
- चाव्या (मुरलीवाला रेट्रोफ्रैक्टम)
- इंद्रवरुणी (सिट्रुलस कोलोसिन्थिस)
- शुनती (अदरक)
- मिश्रेया (फ़ॉनिक्युलिस वल्गारे)
- दंती (बालिओस्पर्म मोंटानम)
- मोकारसा (सालमलिया मालाबारिका)
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।