जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं और उनमें अच्छा-अच्छा खाने का खासकर बहार के खानों का शौक बढ़ता हैं, उनमें अच्छी और बुरी दोनों तरह की आदतें विकसित होने की संभावना होती है। हालाँकि कुछ आदतें हानिरहित लग सकती हैं, लेकिन कुछ ऐसे व्यवहार भी हैं जो उनके मौखिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी 5 आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके बच्चे के मौखिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकते हैं, निम्नलिखित पर ध्यान दें:-
खराब ब्रश करने की तकनीक:
बहुत से बच्चे ब्रश करने में जल्दबाजी करते हैं या अपने मुंह के कुछ क्षेत्रों पर ब्राश नहीं फेरते हैं, जिससे प्लाक हो जाता है। यही वजह है की दांतों में सड़न, मसूड़ों की बीमारी और सांसों में दुर्गंध हो सकती है। माता-पिता को नरम ब्रिसल वाले टूथब्रश और फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग करके पूरी तरह से ब्रश करने के महत्व पर जोर देना चाहिए। अपने बच्चे को कम से कम दो मिनट तक ब्रश करने के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे उसके दांतों की सभी सतहों को कवर किया जा सके।
बार-बार स्नैकिंग:
बच्चों को अक्सर पूरे दिन कुछ न कुछ खाने का शौक रहता है। हालाँकि, लगातार मीठा और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ खाना उनके मौखिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ये स्नैक्स मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं, जिससे कैविटी हो जाती हैं। फलों, सब्जियों और पनीर जैसे स्वास्थ्यवर्धक नाश्ते के विकल्पों को प्रोत्साहित करें। मीठे पदार्थों को कभी-कभार खाने तक ही सीमित रखें।
दांतों का पिसना:
दांत पीसना एक और बुरी आदत है जो बच्चों के दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है। यह अक्सर नींद के दौरान या तनाव के में होता है। दांत पीसने से दांतों में संवेदनशीलता, इनेमल घिसना, जबड़े में दर्द और सिरदर्द हो सकता है। यदि आप अपने बच्चे में दांत पीसने के लक्षण देखते हैं, जैसे दांतों की सतह का घिस जाना या जबड़े में दर्द की शिकायत, तो दंत चिकित्सक से परामर्श लें।
अंगूठा चूसना:
अंगूठा चूसना छोटे बच्चों में आम आदत है, लेकिन ये दांतों के संरेखण और जबड़े के विकास को भी प्रभावित कर सकते हैं। लंबे समय तक अंगूठा चूसने से दांत संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे क्रॉसबाइट। जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता है, उसे धीरे-धीरे इन आदतों से छुड़ाना महत्वपूर्ण है।
बोतल पर निर्भरता:
कई छोटे बच्चों में बोतल पर निर्भरता विकसित कर लेते हैं, खासकर सोने के समय या सोते समय। जब इन कंटेनरों में दूध या जूस जैसे शर्करायुक्त तरल पदार्थ होते हैं, तो इससे दांतों में सड़न का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक चीनी के संपर्क में रहने से दांत खराब हो जाते हैं, जिससे हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा मिलता है। अपने बच्चे को बोतल का उपयोग बंद करने के लिए नियमित कप का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।