कबूतरों की वजह से आजकल एक बीमारी फेफड़ों की बीमारी फैल रही है। जिसके कारण उन लोगों को सबसे ज्यादा सावधान हो जाना चाहिए। जिनके घरों में कबूतर पाले जाते हैं या जिनके घरों के आसपास कबूतर रहते हैं। अब गर्मियों का मौसम आ रहा है। ज्यादातर लोग अपने घर के बाहर पानी और दाना रखते हैं, लेकिन खुद की सुरक्षा को देखते हुए, जब तक ये बीमारी फैली हुई है, घर के बाहर दाना और पानी न रखें। क्योंकि पिजियन ब्रीडर बीमारी से जुड़े कई मामले सामने आ रहे हैं। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी सतर्क हो गए हैं और लोगों से अपील भी की है कि इन पक्षियों से कुछ समय के लिए दूरी बनाकर रखें। आगे के लेख में हम आपको बताएंगे, पिजियन ब्रीडर डिजीज के लक्षण और बचाव के उपाय के बारे में-
कबूतरों की वजह से बढ़ रही यह बीमारी, जानिये लक्षण और बचाव के उपाय This disease is increasing due to pigeons, know the symptoms and preventive measures in hindi
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) की वेबसाइट के अनुसार पिजियन ब्रीडर डिजीज कबूतर और दूसरे पक्षियों के जरिए इंसानों में फैल रही बीमारी है। ये फेफड़ों में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है, जो कई बीमारियों की वजह बन सकता है। आईएपी के अनुसार, ये संक्रमण कुछ मामलों में कार्बनिक पदार्थ एंटीजन के संपर्क में आने से होती है बल्कि कुछ मामलों में जीवाणुओं के संपर्क में आने से भी फैल सकती है।
पिजियन ब्रीडर डिजीज के लक्षण Symptoms of Pigeon Breeder Disease
सांस लेने में परेशानी होना
बार-बार अस्थमा का अटैक आना
खांसी और जुकाम, लंग्स का गंभीर संक्रमण
आवाज में घरघराहट महसूस होना
फाइब्रॉटिक फेफड़े की बीमारी
कैसे करें खुद का बचाव -
अगर आपके आसपास कहीं भी कबूतर आते हैं या आपके घर पर कबूतर पल रहे हैं, तो कुछ समय के लिए इनसे दूरी बना लें। दाना और पानी रखते समय कबूतरों से दूरी बनाएं रखें। हो सके तो ऐसी जगह दाना और पानी रखें, जहां किसी व्यक्ति का आना जाना न हो। ये बीमारी युवाओं के मुकाबले बच्चों में ज्यादा फैल रही है। इसलिए बच्चों को कबूतरों के संपर्क में न आने दें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।