डिजेनरेटिव डिस्क रोग का इलाज कैसे करें - Degenerative disc rog ka ilaj kaise kare

डिजेनरेटिव डिस्क रोग का इलाज कैसे करें
डिजेनरेटिव डिस्क रोग का इलाज कैसे करें

Treatment of degenerative disc disease: डिजेनरेटिव डिस्क रोग एक ऐसी समस्या है जो उम्र के हिसाब से स्पाइनल डिस्क में परिवर्तन आ जाता है। उम्र के अनुसार डिस्क में मौजूद पानी की मात्रा कम हो जाती है। दरअसल, ये कशेरुकाओं के बीच की डिस्क की एक स्थिति है जिसमें उम्र बढ़ने के चलते रीढ़ की हड्डी में कशेरुकाओं के बीच एक या अधिक डिस्क खराब हो जाती है या फिर ये टूट जाती है। जिसके चलते दर्द इतना अधिक होता है कि इसे सहन कर पाना मुश्किल हो जाता है। कुछ उपचार के जरिए काफी हद तक इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

डिजेनेरेटिव डिस्क के लक्षण |Symptoms of Degenerative Disc

डिजेनेरेटिव डिस्क से कमर में दर्द

गर्दन में दर्द

स्पाइन में गंभीर दर्द

बाजुओं में भी हो सकता है दर्द

लोअर बैक में डिस्क के प्रभावित होने पर कमर, बटक या पैरों में होता है दर्द

आगे झुकने, ऊपर उठने या मुड़ने पर भी हो सकता है दर्द

डिजेनरेटिव डिस्क रोग का इलाज

डिजेनरेटिव डिस्क के इलाज के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। ये इसके डैमेज पर निर्भर करता है उसी अनुसार इलाज होता है। इसमें सबसे पहले कुछ एक्सरसाइज व फिजिकल थेरेपी का सहारा लिया जाता है। इससे बैक की स्ट्रेंथ बढ़ती है।

डिजेनरेटिव डिस्क में हॉट व कोल्ड थेरेपी काफी लाभकारी मानी गई है। इसके साथ ही रोगी को कुछ दवाएं और पेनकिलर भी दी जाती है। जिससे स्थिति में सुधार आए। वहीं, कुछ मामलों में सर्जरी की स्थिति आ जाती है। जैसे आर्टिफिशियल डिस्क रिप्लेसमेंट व स्पाइनल फ्यूजन की भी आवश्यकता हो सकती है।

फिजिकल थेरेपी (physical therapy in degenerative disc disease)

डिजेनरेटिव डिस्क के इलाज में कई तरह की फिजिकल थेरेपी की जाती है। खासकर गर्न और पीठ वाली। जिससे गर्दन और पीठ की मांसपेशियां मजबूत हो और इसमें अधिक लचीला आए। इससे रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट मिलता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।