Treatment of Eosinophilia in hindi: मौसम बदलते ही कई सारी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। जिसमें से एक है इस्नोफीलिया। अगर आपको अक्सर सर्दी जुकाम और बहती नाक की समस्या बनी रहती है तो आपको इस्नोफीलिया होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में एक बार इसका जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए। इस्नोफीलिया (What is Eosinophilia) के बारे में बात करें तो ये सफेद रक्त कोशिका का एक प्रकार है, जो शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करती हैं। लेकिन, जब इनकी संख्या रक्त में ज्यादा हो जाती है तो इसी को इस्नोफीलिया कहते हैं। इसके चलते फेफड़े, त्वचा, हृदय, रक्त वाहिकाएं, साइनस, गुर्दे और मस्तिष्क प्रभावित हो सकते हैं।
इस्नोफीलिया का वजह ( Causes of Eosinophilia)
एलर्जी के चलते
त्वचा की स्थिति
फंगल संक्रमण या परजीवी संक्रमण
कैंसर
दमा के चलते
बोन मैरो के चलते
एलर्जिक राइनाइटिस
इसके अलावा भी कई और कारण होते हैं।
इस्नोफीलिया के लक्षण
सूजन
खुजली
फेफड़ों से जुड़ी एलर्जिक समस्या
हृदय रोग
नर्व डैमेज
इस्नोफीलिया का 4 रामबाण इलाज
प्याज (Onion for Eosinophilia)
बिना प्याज के खाना बनाने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। ऐसे में ये हर घर में आसानी से मिल जाएगा। यही प्याज इस्नोफीलिया का रामबाण इलाज कर सकता है। इसके लिए आपको रोज सुबह एक चम्मच प्याज के रस को एक गिलास पानी में मिलाकर सेवन करना है। इससे काफी हद तक आराम मिल सकता है।
शहद और पानी (Take Honey and Water in Eosinophilia)
शहद और पानी इस्नोफीलिया की समस्या में काफी राहत पहुंचा सकते हैं। इसके लिए आपको रोज सुबह एक गिलास हल्के गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करना है। शहद में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही रक्त में सफेद रक्त कोशिकाओं की मात्रा को सामान्य करने में मदद करते हैं। इसके सेवन से काफी हद तक इस्नोफीलिया की समस्या से राहत पा सकते हैं।
अदरक (Know how to Use Ginger in Eosinophilia)
अदरक कई सारी समस्याओं का रामबाण उपचार है। इस्नोफीलिया में भी अदरक कमाल का फायदा पहुंचा सकता है। इसके लिए आपको सिर्फ अदरक की चाय पीना है। चाय बनाते वक्त अदरक को अच्छे से कुचकर या फिर इसका रस निकालकर चाय में डाल दें और इसका सेवन करें। कुछ दिनों में रिजल्ट दिखने लगेगा।
भाप (Take Steam in Eosinophilia)
भाप की भी मदद से इस्नोफीलिया से राहत पा सकते हैं। इसके लिए आपको पानी में नीलगिरी की कुछ बूंदें डालना हैं और फिर तौलिये से ढककर पानी को सूंघना है। इससे बलगम की समस्या में आराम मिलेगा।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।