क्या आप अक्सर साइनस ब्लॉकेज की परेशानी से पीड़ित रहते हैं? दर्द, आपकी आंखों के आसपास दबाव और सांस लेने में कठिनाई अविश्वसनीय रूप से निराशाजनक हो सकती है। जबकि आधुनिक चिकित्सा विभिन्न उपचार प्रदान करती है, राहत के लिए आयुर्वेद के इस प्राचीन उपचार के बारे में आप यहाँ विस्तार से जाने!
यहां कुछ आसान आयुर्वेदिक अभ्यास दिए गए हैं जिन्हें आप अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं:
1. नस्य थेरेपी:
नस्य में हर्बल तेल या पाउडर को नासिका मार्ग में डाला जाता है। यह थेरेपी नाक के मार्ग को चिकना करने, जमाव से राहत देने और आसानी से सांस लेने को बढ़ावा देने में मदद करती है। आप औषधीय तेल जैसे तिल का तेल या अनु तेला जैसी हर्बल तैयारी का उपयोग करने का प्रयास कर सकते हैं। सर्वोत्तम परिणामों के लिए प्रतिदिन प्रत्येक नथुने में तेल की कुछ बूँदें डालें।
2. भाप लेना:
औषधीय जड़ी-बूटियों से युक्त भाप लेने से साइनस कंजेशन से तुरंत राहत मिल सकती है। पानी उबालें और उसमें यूकेलिप्टस, पेपरमिंट या थाइम जैसी जड़ी-बूटियाँ मिलाएँ। अपने सिर को तौलिए से ढकें और 5-10 मिनट तक भाप लें। यह नाक के मार्ग को साफ करने और सूजन को कम करने में मदद करता है।
3. नेति पॉट:
नेति पॉट का उपयोग एक और प्राचीन आयुर्वेदिक अभ्यास है। नेति पॉट को गुनगुने नमकीन पानी से भरें और अपने सिर को बगल की ओर झुकाते हुए इसे धीरे से एक नाक में डालें। पानी को दूसरे नथुने से बाहर निकलने दें, जिससे बलगम और एलर्जी बाहर निकल जाए। दूसरी तरफ दोहराएं। नेति पॉट के नियमित उपयोग से साइनस कंजेशन को रोका और कम किया जा सकता है।
4. आहार में संशोधन:
आयुर्वेद के अनुसार, कुछ आहार संशोधन साइनस के मुद्दों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जो ठंडे, भारी या पचने में कठिन हों क्योंकि वे कफ दोष को बढ़ा सकते हैं, जो साइनस कंजेशन से जुड़ा होता है। इसके बजाय, अपने आहार में गर्म, हल्का और आसानी से पचने योग्य खाद्य पदार्थों को शामिल करें। अदरक, हल्दी और काली मिर्च जैसे मसाले भी सूजन को कम करने और साइनस जल निकासी को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
5. हर्बल उपचार:
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ जैसे त्रिकटु (अदरक, काली मिर्च और पिप्पली का संयोजन), सितोपलादि चूर्ण (दालचीनी और इलायची सहित जड़ी-बूटियों का मिश्रण), और तुलसी (पवित्र तुलसी) साइनस कंजेशन से राहत दिलाने में अपनी प्रभावशीलता के लिए जानी जाती हैं। आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेने के बाद इन जड़ी-बूटियों का सेवन पाउडर, टैबलेट या चाय के रूप में कर सकते हैं।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।