स्वस्थ रहने के लिए करिए 4 तरह की एक्सरसाइज़

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जब आप एक्सरसाइज़ के बारे में सोचते होंगे तो आपके दिमाग में सबसे पहली तस्वीर दौड़ने की या साइकिल चलाने की बनती होगी। लेकिन ये (एरोबिक्स) केवल एक ही प्रकार की एक्सरसाइज़ है। इसके अलावा तीन और तरह की एक्सरसाइज़ हैं, जो आपको स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। वो हैं स्ट्रेंथ एक्सरसाइज़, बैलेंस एक्सरसाइज़ और फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज़। हर तरह की एक्सरसाइज़ के अपने फायदे होते हैं और पूरी तरह से फिट रहने के लिए आपको ये चारों तरह की एक्सरसाइज़ करने की ज़रूरत है। केवल एरोबिक्स करना सेहत के लिए उतना लाभदायक नहीं है जितना कि ये चारों एक्सरसाइज़ साथ में करना है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से आपके मसल्स मज़बूत होते हैं, जो आपके जोड़ों को एरोबिक के समय चोट से बचाते हैं। बैलेंस एक्सरसाइज़ बाकी एक्सरसाइज़ के समय पर हमारे मूव्स को स्थिर रखती है, जिसके कारण चोटिल होने का खतरा कम हो जाता है। और अगर आप एरोबिक्स कर रहे हैं तो उस समय आपको शरीर में लचीलेपन की ज़रूरत होती है जो आप प्राप्त करते हैं फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज़ से। चलिए आपको इन चारों एक्सरसाइज़ के बारे में विस्तार से बताते हैं।

# एरोबिक एक्सरसाइज़

एरोबिक्स एक्सरसाइज़ में भागने, तैरने और नाचने जैसी क्रियाएं होती हैं जो हृदय के लिए लाभदायक होती हैं। एरोबिक्स करने से आपका हार्ट रेट बढ़ता है और आप लम्बी और गहरी साँसे लेते हैं। एरोबिक्स हृदय रोगों, टाइप 2 डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम करती है। ये एक्सरसाइज़ कैंसर का खतरा भी कम कर सकती है।

# स्ट्रेंथ एक्सरसाइज़

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स्ट्रेंथ एक्सरसाइज में वज़न उठाना, पुश-अप्स मारना और क्रंचिज़ शामिल हैं। इसमें आप अपने मसल्स पर डम्बल्स (वज़न) या शरीर के वज़न का ज़ोर डाल कर उनपर काम करते हैं। स्ट्रेंथ एक्सरसाइज करने से आपके लीन मास मसल्स (पतली मांसपेशियां) बढ़ते हैं जोकि वज़न कम करने के लिए लाभदायक होता है क्योंकि लीन मसल्स ज़्यादा कैलरी बर्न करते हैं।

# बैलेंस एक्सरसाइज़

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बैलेंस एक्सरसाइज़ आपको अपनी बॉडी पोज़ीशन को कंट्रोल करने और स्थिर रखने में मदद करती है। ये एक्सरसाइज़ बुज़ुर्गों के लिए कारगर होती है क्योंकि उम्र के साथ साथ शरीर की स्थिरता निचले स्तर पर चली जाती है। हालांकि बैलेंस एक्सरसाइज़ सभी के लिए है। खासतौर पर उनके लिए जिनका वज़न काफी ज़्यादा हैं या फिर महिलाएं जो गर्भवती हैं। ध्यान रहे कि गर्भवती महिलाएं डॉक्टर और ट्रेनर की सलाह के बाद ही ये करें।

# फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज़

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फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज़ आपके मसल्स को फैलाती है जिसके कारण आपके जोड़ों की क्रिया अच्छी और लचीली हो जाती है। ये एक्सरसाइज करने से आपके शरीर की नम्यता बढ़ती है और खेलों एवं अन्य कामों के दौरान चोट लगने के आसार कम हो जाते हैं। फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज़ करने से मांसपेशियों में लैक्टिक एसिड कम होता है जिसकी वजह से किसी एक्सरसाइज़ या काम के बाद मसल्स में दर्द होने का खतरा कम हो जाता है।