शतावरी (Asparagus) एक प्रकार की जड़ी-बूटी होती है। इसका उपयोग आयुर्वेद प्राकृतिक चिकित्सा में किया जाता है। इसके चूर्ण का उपयोग अलग-अलग रोगों के इलाज के रूप में किया जाता है। शतावरी एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। यह मेमोरी फंक्शन को सुधारने में, इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। यह लेख शतावरी के उपयोग और फायदों (Shatavari uses and benefits) पर रौशनी डालता है। आइये इसे विस्तार से जानें।
शतावरी के उपयोग और 5 फायदे
1. गला बैठने पर उपयोगी (useful for sore throat)
यदि किसी स्थिति में आपका गला बैठ जाए या आवाज बैठ जाए तो यहां शतावरी आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। उपयोग के लिए - शतावरी, बला और चीनी को शहद के साथ चाटने से फायदा मिलता है।
2. सर्दी-जुकाम में लाभदायक (beneficial in cold-cough)
सर्दी-जुकाम में शतावरी का सेवन लाभदायक होता है। उपयोग के लिए - शतावरी की जड़ को पानी के साथ मिलाकर काढ़ा बना लें, सेवन के लिए इसको 10 से 15ml लें। यह सर्दी-जुकाम को ठीक करता है।
3. सूखी खांसी में फायदे (Benefits of dry cough)
यदि आप सूखी खांसी से परेशान हैं तो उपयोग के लिए - शतावरी 10 ग्राम, अडूसे की पत्तियां, 10 ग्राम मिश्री को 1 गिलास पानी के साथ उबालें। प्रतिदिन 3 बार इस मिश्रण को पिएं, यह खांसी को ठीक करता है।
4. श्वांस रोग के लिए उपयोगी (Useful for respiratory diseases)
श्वांस रोग के लिए शतावरी के फायदे होते हैं। उपयोग के लिए आपको शतावरी का लेप, घी, दूध चाहिए होगा। एक भाग शतावरी लेप को घी में पकाएं। इसका सेवन करने के लिए 5 ग्राम लें। इससे श्वांस संबंधित रोग, रक्त से संबंधित रोग, वात और पित्त विकार, सीने में जलन की समस्या आदि से आराम मिलता है।
5. बवासीर की शिकायत होने पर (helpful in case of hemorrhoids)
बवासीर दर्दनाक हो सकता है। ऐसे में इसका उपचार करना जरूरी हो जाता है। शतावरी बवासीर के इलाज में उपयोगी है। उपयोग के लिए - शतावरी चूर्ण की 2 से 4 ग्राम मात्रा लें और इसका दूध के साथ सेवन करें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।