आयुर्वेद और ऋषि-मुनियो के अनुसार गौमूत्र (Cow's urine) को संजीवनी माना गया है एवं इसके अनेक लाभ भी पाए गए हैं, जैसे कि यह रोगों को दूर रखता है, रोग प्रतिकारक शक्ति एवं शरीर की माँसपेशियों को मज़बूत करता है। यह शरीर में तीनों दोषों का संतुलन भी बनाता है और कीटनाशक की तरह भी काम करता है। इस लेख में गौमूत्र के उपयोग और फायदों के बारे में चर्चा की गयी है।
गौमूत्र के उपयोग और फायदे - Goumutra Ke Upyog Aur Fayde In Hindi
गौमूत्र के उपयोग : Uses Of Goumutra (Cow Urine) In Hindi
- गौमूत्र कैंसर के उपचार के लिए भी एक बहुत अच्छी औषधि है। यह शरीर में सेल डिवीज़न इन्हिबिटरी एक्टिविटी को बढ़ाता है और कैंसर के मरीज़ों के लिए बहुत लाभदायक है।
- गौ-मूत्र विभिन्न जड़ी-बूटियों से परिपूर्ण है। यह आयुर्वेदिक औषधि गुर्दे, श्वसन और ह्रदय सम्बन्धी रोग, संक्रमण रोग और आर्थराइटिस, इत्यादि कई व्याधियों से मुक्ति दिलाता है।
- संसाधित किया हुआ गौमूत्र अधिक प्रभावकारी प्रतिजैविक, रोगाणु रोधक (antiseptic), ज्वरनाशी (antipyretic), कवकरोधी (antifungal) और प्रतिजीवाणु (antibacterial) बन जाता है।
गौमूत्र के 5 फायदे : Benefits Of Goumutra In Hindi
वेट लॉस में मदद करे (Weight loss)
गौमूत्र से मोटापा कम किया जा सकता है। गौ-मूत्र में विटामिन पाये जाते हैं जो वजन घटाने में मदद करते हैं। यह पाचन तंत्र को बेहतर करता है और वेट लॉस में मदद करता है।
इंफेक्शन से बचाव के लिए (Prevents infection)
आयुर्वेद के अनुसार, शरीर को इंफेक्शन से बचाने के लिए भी गौ-मूत्र का उपयोग किया जा सकता है। गौमूत्र में बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण पाये जाते हैं। गले की खराश और अन्य तरह के गले के इंफेक्शन के इलाज में गौमूत्र का उपयोग किया जाता है।
पाचन तंत्र को मजबूत करे (Strengthen the digestive system)
गौमूत्र से पाचन तंत्र की परेशानियों का इलाज भी किया जाता है। गौमूत्र में नींबू का रस मिलाकर सुबह पीने से पाचन तंत्र की सारी समस्याएं ठीक होने लगती हैं। कब्ज-गैस व एसिडिटी जैसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी गौ-मूत्र लाभदायक होता है।
फैटी लिवर की समस्या होने पर (Cures fatty liver problem)
फैटी लिवर की परेशानी आज के समय में बुहत आम हो गयी है। गौमूत्र में सफाई वाले यौगिक भी पाये जाते हैं जो लिवर को डिटॉक्स करते हैं। फैटी लिवर वाले रोगियों का इलाज भी गौमूत्र के माध्यम से किया जाता है।
त्वचा की देखभाल के लिए (Good for skin)
आयुर्वेद कहता है कि मुंहासे और अन्य त्वचा रोगों को दूर करने के लिए गाय के मूत्र का उपयोग किया जा सकता है। दाद-खाज जैसे स्किन रोगों में भी गौ-मूत्र का उपयोग किया जा सकता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।