अक्सर महिलाओं की बढ़ती उम्र के साथ स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। उसकी में से एक हैं बच्चेदानी (Uterus) का खिसकना या बच्चेदानी का बाहर आना। बच्चेदानी को गर्भाशय या यूट्रस भी कहा जाता है। ये समस्या अक्सर महिलाओं को 40 की उम्र के बाद ज्यादा होती हैं। ये समस्या होने पर बच्चेदानी आगे की ओर खिसकने लगती है या फिर बाहर की तरफ आने लगती हैं। ये समस्या तब होती है जब लिगामेंट्स कमजोर पड़ जाते है। कई बार बच्चेदानी खिसकने पर बहुत ही नॉर्मल से लक्षण नजर आते हैं, जिससे महिला आम समझकर अवॉयड कर देती हैं। लेकिन आपको बता दें, कुछ ऐसे लक्षण हैं जिन पर ध्यान न देने की वजह से समस्या बढ़ सकती हैं। तो आइए जानते हैं बच्चेदानी के खिसकने पर कौन से लक्षण नजर आते हैं।
महिलाओं में बच्चेदानी खिसकने पर इन 5 लक्षण को न करें नजरअंदाज : Uterus Prolapse Symptoms In Women In Hindi
कमर व पेट के निचले हिस्से में दर्द
कई बार महिलाओं को कमजोरी के कारण कमर में दर्द (Back Pain) बना रहता है। लेकिन बच्चेदानी खिसकने पर कमर के निचले हिस्से के साथ पेट के निचले हिस्से में भी दर्द बना रहता है।
बार-बार पेशाब की इच्छा होना
बच्चेदानी के खिसकने पर बार-बार पेशाब (Urine) आने की इच्छा हो सकती है। कई बार योनि के आसपास दबाव महसूस हो सकता है, जिससे लगता हैं कि पेशाब आ रहा है।
ब्लोटिंग की समस्या
महिलाओं में बच्चेदानी के बाहर आने पर ब्लोटिंग (bloating) की समस्या भी बढ़ सकती है। ये समस्या इसलिए होती हैं क्योंकि बच्चेदानी के बाहर आने पर निचले अंगो पर दबाव पड़ता है, जिससे पाचन-तंत्र प्रभावित होता है।
सेक्स करने पर दर्द महसूस होना
बच्चेदानी के खिसकने पर अक्सर महिलाओं को सेक्स करने पर दर्द महसूस हो सकता है। ये दर्द कम या ज्यादा भी हो सकता है।
कब्ज रहना
महिलाओं के बच्चेदानी खिसकने पर कब्ज की समस्या भी कई गुना बढ़ जाती है। बच्चेदानी बाहर आने पर कब्ज (Constipation) की समस्या इसलिए बढ़ जाती है क्योकि पाचन-तंत्र काफी स्लो हो जाता है।
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