दुनिया में इंसान हर चीज़ से लड़ सकता है पर खुद से कैसे लडेगा और वो भी तब जब वो सबसे कमज़ोर महसूस करे इसलिए इंसान भगवान् से सुख और समृधि के साथ अच्छी सेहत की भी कामना करता है पर यदि कोई व्यक्ति शरीरिक रूप से किसी बीमारी की चपेट में आ जाये तो फिर बात सिर्फ शारीरिक नही रह जाती कैंसर, हृदय रोग, या मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियां आपको मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति होने या विकसित होने की अधिक संभावना पैदा कर सकती हैं।
शारीरिक बीमारी मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है?
पुरानी शारीरिक स्थितियों वाले लोग अक्सर भावनात्मक तनाव और पुराने दर्द का अनुभव करते हैं, जो दोनों अवसाद और चिंता के विकास से जुड़े होते हैं। विकलांगता के साथ अनुभव भी संकट पैदा कर सकते हैं और लोगों को सामाजिक समर्थन से अलग कर सकते हैं।और यही सबसे बड़ा कारण बन जाता है उनके अन्दर पैदा होने वाले अवसाद और चिंता का.
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य कैसे जुड़े हैं?
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बीच संबंध हैं: खराब मानसिक स्वास्थ्य पुरानी शारीरिक स्थितियों के लिए एक जोखिम कारक है। गंभीर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों को पुरानी शारीरिक स्थितियों का अनुभव करने का उच्च जोखिम होता है। पुरानी शारीरिक स्थितियों वाले लोगों में खराब मानसिक स्वास्थ्य विकसित होने का खतरा होता है। ये आपस में जुड़े हुए हैं.
इनसे कैसे बचा जा सकता है?
बिमारियों से बचने के लिए हमे कुछ मुख्य बिन्दुओं पर ध्यान देना होगा और हमे इन्हें कैसे भी पाने दिनचर्या में शामिल करना होगा सिर्फ तभी हम बिमारियों को अपने से दूर रखने की एक कोशिश कर सकतें हैं:
व्यायाम (exercise):
व्यायाम जिंदगी और एक स्वस्थ मानस के लिए बेहद जरूरी है. ये हमारे शरीर से टोक्सिंग्स को बहार निकलती है और शरीर में खून का बहाव को स्थिर कर शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढाती है. जिससे हम बेहद उर्जावान और स्वस्थ महसूस करते है. वैसे तो आप अपने अनुसार किसी भी व्ययायम तकनीक को आजमा सकते हैं पर मैं आपको योगा चुनने की सलाह दूंगी जोकि बेहद सरल और सबसे अधिक लाभ देता है,
अपने शरीर का देखभाल करिए (Take care of your body):
अपने शरीर का ख्याल रखना आपकी प्राथमिकता होनी चाहए, शरीर की ज़रूरतें को समझना एक अच्छे मानस के लिए ज़रूरी है. रोज़ व्ययायम आपको आपके शरीर को स्वस्थ रखने और जीवन को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेगा.
दिमाग को शांत रखें (Quiet your mind):
दिमाग का शांत होना जरूरी है क्युकी एक शांत दिमाग ही आज और कल की सटीक प्लानिंग कर सकता है जिसकी मदद से आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकतें है.
सकारात्मकता बनाएं रखें (Be positive):
जब आप किसी शारीरिक गतिविधि को समाप्त कर लें, तो अपने शरीर की गति करने की क्षमता पर चिंतन करने और उसकी सराहना करने के लिए कुछ मिनट निकालें। अपने शरीर को उस कसरत के लिए धन्यवाद दें जिससे आप आगे बढ़े और आंदोलन के माध्यम से अपनी मानवता को व्यक्त करने में सक्षम होने के अपने सौभाग्य पर विचार करें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।