इंसान के बचपन से लेकर उसके बुढ़ापे तक चिंता उसका पीछा नहीं छोडती. आप चाहे कितनी भी कोशिश क्यों ना कर लें. आपके जीवन के हर बिंदु में कहीं ना कहीं चिंता का भाव रहता ही है. बचपन में चिंता पढ़ाई-लिखाई की होती है फिर बड़े होतें हैं तो चिंता दूसरे रूप में पैदा हो जाती है, जैसा नौकरी, रिश्ते, बच्चों की परवरिश आदि. बुढ़ापे में आदमी सोचता है की, अब थोड़ा सा शांति रहेगी चिंताएं कम होंगी और अब बच्चे हैं वह देख लेंगे. ऐसा इंसान को लगता है पर चिंता आपका पीछा नहीं छोड़ती इंसान इस उम्र में बच्चों के बेहतर कल के बारे में चिंता करने लग जाता है. ऐसे ही चिंता करते-करते उसका पूरा जीवन निकल जाता है चिंता म्हेज़ एक शब्द नहीं है यह एक ऐसा सागर है जिसके किनारे पर जाने का प्रयत्न हर कोई कर रहा है पर, लेकिन अगर चिंता हमारे से दूर नहीं हो सकती तो हम ऐसा क्या करें जिससे कि हमें सुकून मिले. इसी बेहतरीन तरीके को आप तक पहुँचाने के लिए इस लेख को आपके लिए लिखा गया है कृपया इस लेख को पूरा पढ़ें।
चिंता का मुख्य कारण क्या है?
चिंता का मुख्य कारण हमारे जीवन के अनुभवों को मिलाकर होता है. जिस तरह के अनुभव हम अपने पूरे जीवन में करते हैं, चिंता भी हमारे जीवन में वैसी ही रहती. कुछ बच्चे अपने बचपन में कुछ इस तरह के अनुभवों का सामना करते हैं जो उनकी जिंदगी में एक बड़ा ड्रामा लेकर आती है कुछ लोग अपनी जवानी के दिनों में कुछ ऐसा अनुभव करतें है, जो उनकी आने वाली तमाम उम्र भर पर अपनी गहरी छाप छोड़ जाता है. मुश्किल परेशानियों से जूझ रहे लोगों की अपनी-अपनी दास्तान पर निर्भर करता है और यही कारण है कि इंसान के जीवन में तरह तरह के अनुभव के साथ-साथ चलती चिंताएं उसके लेवल की है । उसकी जिंदगी की इसी तरीके के बहुत से अनुभव उसकी जिंदगी पर शारीरिक और भावनात्मक तरीके से चोट पहुंचाते हैं.
इसे कैसे रोक सकतें हैं?
चिंताओं को रोकना अपने आप में बहुत बड़ा चैलेंज है, लेकिन हम इसे पूरी तरीके से समाप्त नहीं कर सकते इस बात को हमें मान लेना होगा, पर एक काम जो हम सब कर सकते हैं. अपने जीवन में चिंताओं पर काम कर सकते हैं अगर हम अपने जीवन में सही ढंग से अपनी चिंताओं का मैनेजमेंट कर दे तो जितनी गंभीर रूप से वह हमें चोट पहुंचतीं आईं हैं और आगे भी पहुंचा सकती है उस पर हम काबू कर लेंगे. निम्नलिखित पर ध्यान दें:
1. दोस्तों के साथ समय बिता सकते हैं
2. हम खाना खाने का समय और मात्रा निर्धारित कर सकते हैं
3. शराब, धूम्रपान और दूसरे प्रकार के पदार्थों का सेवन हमें रोकना होगा
4. अच्छी नींद इसमें कारगर होगी
5. रोज एक बार किया गया व्यायाम ना ही सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है.
6. चिंता होने पर गहरी-गहरी सांस ले सकते हैं
7. आप जीवन में अपना सबसे बेस्ट करने की हमेशा कोशिश रखें ये आपको चिंता मुक्त रखेगा
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।