इमोशनल इमेच्योरिटी/ भावनात्मक अपरिपक्वता के लक्षण क्या हैं: मानसिक स्वास्थ्य

What are signs of emotional immaturity: Mental Health
इमोशनल इमेच्योरिटी/ भावनात्मक अपरिपक्वता के लक्षण क्या हैं: मानसिक स्वास्थ्य

भावनात्मक अपरिपक्वता प्रारंभिक जीवन के अनुभवों, आघात, इलाज न किए गए व्यसन या मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, और/या गहन आत्मनिरीक्षण या स्वयं पर काम की कमी के दौरान असुरक्षित अनुलग्नकों का परिणाम हो सकती है। यह आत्म-केंद्रितता, संकीर्णता और संघर्ष के खराब प्रबंधन के रूप में प्रकट हो सकता है। यहां भावनात्मक अपरिपक्वता के कुछ संकेतों पर एक नज़र डालें जो एक रिश्ते में दिखाई दे सकते हैं और यदि आप उन्हें अपने आप में पहचानते हैं तो आप क्या कदम उठा सकते हैं।

1. वह गम्भीता को नही समझते:

जो लोग मैच्योर नहीं होते उनके साथ अक्सर यह समस्या देखने को मिलती है कि वह किसी भी विषय में खुद को गंभीर नहीं समझते गंभीरता वक्त के साथ आती है. संघर्ष जो लोग करते हैं, जो जीवन में लड़ना जानते हैं, जीवन की परेशानियों का सामना करना जानते हैं, वह गंभीरता की परिभाषा को भलीभांति समझते हैं, जो लोग गंभीरता को नहीं समझते वह असल में जीवन का असली मतलब अभी तक नहीं जान पाएं है. इसलिए जो लोग मैच्योर नहीं होते वह गंभीरता की परिभाषा से अभी भी वंचित है.

2. सब कुछ उनके बारे में है:

जो लोग मैच्योर नहीं होते हैं उनके साथ कई तरह की दिक्कत होती है. वह अपने आगे किसी की नहीं सुनना चाहते. उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे सारी बातें उन्हीं के बारे में है इसीलिए वह वहम का शिकार हो जाते हैं और कभी-कभी वह बिना किसी बात के बातों में फंस जाते हैं और लफड़े अपने सर लगा लेते हैं.

3. वे रक्षात्मक हो जाते हैं

ऐसे लोगों को सिर्फ अपने बारे में ही सोचना समझना और जिन्हें अपनी इर्द-गिर्द की बातों से ही मतलब होता है वह काफी बच्चों की तरह व्यहवार करतें हैं. ऐसे इंसान कभी भी आपकी क्षमताओं या आप पर क्या गुजर रही है उस बारे में सोचना ही नहीं चाहते वह सेल्फ सेंट्रिक होते हैं.

4. वे अपनी गलतियों के मालिक नहीं बनते

youtube-cover

ऐसे लोग कभी भी अपनी गलती नहीं मानते. उनका बस चले तो वह अपने अलावा किसी को भी दोषी साबित कर सकते हैं इसीलिए ऐसे लोगों को जरूरी है अपने अंदर की मैच्योरिटी पर काम करना और जो लोग अपनी मैच्योरिटी पर काम नहीं करते हैं अक्सर वो खुद के बनाए फंदे में अटक जाते हैं.

5. पहले से कहीं ज्यादा अकेला महसूस करते हैं

मैच्योर लोग अक्सर अकेला महसूस करते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह अपने आप से बाहर आना ही नहीं चाहता. मैच्योर होना आपको लोगों में घुलना मिलना और दूसरों के बारे में सोचना और गहन चिंतन करना, बात की गंभीरता को समझना यह सब सिखाती है और जब इंसान में मैच्योर नहीं होता और ऐसी हरकतें कर बैठता है. जो सिर्फ अपने ही लोगों को चाहता है तो फिर उसके लिए बड़ी चिंता की बात बन जाती है इसीलिए मैच्योर होना मैच्योर लोगों के साथ संबंध बनाना बेहद अनिवार्य है जरूरी है और इसके अलावा यही बात आपको आपके तजुर्बे के बारे में लोगों को बतलाती है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।