राष्ट्रीय स्वास्थ्य साक्षात्कार सर्वेक्षण के डेटा की माने तो
चिंता के हल्के, मध्यम या गंभीर लक्षणों का अनुभव करने वाले वयस्कों का प्रतिशत 18-29 आयु वर्ग के लोगों में सबसे अधिक था और ये उम्र के साथ कम होता जाता है । पुरुषों की तुलना में महिलाओं में चिंता के हल्के, मध्यम या गंभीर लक्षणों का अनुभव होने की संभावना अधिक रहती है।
चिंता (anxiety) की वजह:
जो वर्ग सबसे ज़्यादा चिंता में रहता है यानि 18 से 29 साल के लोग इसका चिंता में रहने की सबसे बड़ी वजह adulting होती है. ऐसे में व्यक्ति हर तरफ से विक्सित हो रहा होता है परिवार सहित कई जिम्मेदारियों से उसका सामना होता है जिसको उसे निभाना होता है ऐसे में रिश्तों को संभालना और सामाजिक दबाव भी उनकी चिंता का कारण बना रहता है.
कैसे रखें खुद अपना ध्यान:
शारीरिक गतिविधि, सेहतमंद खाने, नियमित नींद और तनाव दूर करने के व्यायाम से चिंता को कम करने में मदद मिल सकती है. सहायता समूह में शामिल होना भी मदद कर सकता है. कैफ़ीन, शराब और निकोटीन से बचना बेहतर होगा.
अपनी चिंताओं को आप निम्नलिखित टिप्स को इस्तमाल कर के मैनेज भी कर सकतें है:
१. खद का मूल्य समझना (Value yourself):
हम खुद को समझना भूल चुकें हैं, हमे अपनी कद्र करना सीखना होगा. जब हम खुद का मूल्य समझेंगे तभी तो हम दूसरों के सामने आत्मविश्वास के साथ खड़े हो पायंगे. खुद पर विनम्रता रखिये. ये आपको लचीला और अंदर से खुश बनाता है.
२. अपने शरीर का देखभाल करिए (Take care of your body):
अपने शरीर का ख्याल रखना आपकी प्राथमिकता होनी चाहए, शरीर की ज़रूरतें को समझना एक अच्छे मानस के लिए ज़रूरी है. रोज़ व्ययायम आपको आपके शरीर को स्वस्थ रखने और जीवन को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेगा.
३. अच्छी कम्युनिटी को चुने (Surround yourself with good people):
ऐसा माना जाता है, की आप जैसे लोगों के बीच रहते हैं आप वैसे ही हो जाते हैं. इसलिए ज़रूरी है की हम अच्छे लोगों का अपने जीवन में चुनाव करें ये हमे अच्छी आदतों का चुनाव करने और दिल से खुश होने में मदद करता है.
४. स्ट्रेस से निपटना सीखें (Learn how to deal with stress):
इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस अपने पैर पसारता जा रहा है. ऐसे में हमे सीखना होगा की हम कैसे अपनी जिन्दगी में स्ट्रेस मैनेज करते हैं. स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए आप अपनी किसी हॉबी को दिन में एक बार ज़रूर समय दें जैसे की आपने डांस क्लास, योगा क्लास या किसी खेल को भी अपने डेली रूटीन में शामिल कर सकते है.
५. दिमाग को शांत रखें (Quiet your mind):
दिमाग का शांत होना जरूरी है क्युकी एक शांत दिमाग ही आज और कल की सटीक प्लानिंग कर सकता है जिसकी मदद से आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकतें है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।