यह पुरुष हॉकी के इतिहास का तीसरा विश्व कप था। 1971 में विश्व कप के पहले संस्करण में भारत तीसरे स्थान पर रहा और 1973 में फाइनल में अपनी जगह बनाई पर जीत में तब्दील नहीं कर पाया था, जब नीदरलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इस बार भारत सेमीफाइनल मे मलेशिया को हराकर पाकिस्तान के सामने फाइनल में था , और सुरजीत और अशोक कुमार जैसे खिलाड़ियो के चलते भारत ने ये मुकाबला 2-1 से जीत लिया।
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