हार्दिक सिंह 2017 में डच लीग में अपना पेशेवर करियर आजमाना चाहते थे जब उनके चाचा जुगराज सिंह ने सलाह दी कि भारतीय टीम में चयन पर ध्यान लगाओ। इससे मिडफील्डर हार्दिक सिंह का करियर बदल गया। अपने खेलने वाले दिनों में सबसे खतरनाक ड्रैग फ्लिकर्स में से एक जुगराज सिंह ने अपने भतीजे हार्दिक सिंह को प्रोत्साहित किया, जो अब अगले साल टोक्यो ओलंपिक्स के लिए भारतीय टीम में जगह पक्की करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा है।
पंजाब में जालंधर के करीब खुसरोपुर गांव के प्रतिभाशाली खिलाड़ी हार्दिक सिंह ने कहा कि वह 2017 में भारत के लिए अपने खेलने के सपने को छोड़ने वाले थे। हार्दिक सिंह ने कहा, '14 साल की उम्र में जब मैंने मोहाली हॉकी एकेडमी गया, तब सब-जूनियर स्तर से सीनियर स्तर तक जल्दी-जल्दी पहुंचा। हालांकि, कुछ सालों बाद मैंने खुद को ऐसी स्थिति में पाया जहां भारतीय टीम का नियमित खिलाड़ी होने के बावजूद मेरा विश्वास काफी डगमगाया हुआ था।'
हार्दिक सिंह के हवाले से हॉकी इंडिया की प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा गया, 'मैंने 2017 में भारतीय टीम का सपना छोड़कर नीदरलैंड्स जाने की सोची ताकि वहां क्लब हॉकी खेल सकूं। मगर फिर मेरे चाचा जुगराज सिंह ने मुझे राजी किया और सलाह दी कि कड़ी मेहनत जारी रखूं ताकि भारतीय टीम का नियमित सदस्य बना रहूं। अच्छा हुआ कि मैं रूका और भाग्यशाली रहा कि बड़े टूर्नामेंट्स जैसे 2018 में हॉकी पुरुष हॉकी विश्व कप में खेलने का मौका मिला।'
हार्दिक सिंह को ओलंपिक्स में धमाके की उम्मीद
21 साल के हार्दिक सिंह ने एफआईएच पुरुष सीरीज फाइनल्स के गोल्ड मेडल विजयी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह उस भारतीय टीम का हिस्सा भी थे, जिसने पिछले साल एफआईएच हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर्स में रूस को मात दी थी। भारतीय टीम के लिए 37 मैच खेल चुके हार्दिक सिंह के हवाले से हॉकी इंडिया द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया, 'ओलंपिक्स के लिए बचे हुए दिन हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।'
हार्दिक सिंह ने आगे कहा, 'मैं बहुत खुश हूं कि एफआईएच हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर्स में टीम के लिए प्रदर्शन कर सके। हालांकि, मेरा पूरा ध्यान खिलाड़ी के रूप में कड़ी मेहनत करना और ओलंपिक्स के लिए भारतीय टीम का नियमित सदस्य बनना है। मैं अपने खेल पर काम कर रहा हूं और मुझे उम्मीद है कि कड़ी मेहनत का फल जरूर मिलेगा।'
हार्दिक सिंह ने कहा कि वह भारतीय कप्तान मनप्रीत सिंह के साथ खेलने से खुद को भाग्यशाली मानते हैं। 21 साल के हार्दिक सिंह ने कहा, 'मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मनप्रीत सिंह जैसे खिलाड़ियों के साथ खेल रहा हूं, जो भारत के लिए मैच खेलने के लिए अपना सबकुछ झोंक देते हैं। वह पूरे मैदान पर शानदार तरीके से दौड़ते हैं और मुझे उम्मीद है कि आने वाले सालों में उनके जैसा अच्छा बन सकूं।'