भारत ने लखनऊ में चल रहे जूनियर हॉकी विश्व कप के फाइनल में बेल्जियम को 2-1 से हराकर दूसरी बार इस ख़िताब पर कब्ज़ा कर लिया। इससे पहले भारत ने 2001 में होबार्ट में खेल गए जूनियर विश्व कप के फाइनल में अर्जेंटीना को हराकर ख़िताब जीता था। भारतीय टीम इस पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही और सभी खिलाड़ियों में बेहतरीन प्रदर्शन किया। भारतीय हॉकी के लिए आज का दिन काफी ऐतिहासिक है और आज की जीत से ये तय हुआ कि भारत में हॉकी का भविष्य उज्जवल है। भारत के गुरजंत सिंह को मैन ऑफ़ द फाइनल और जर्मनी के टिम हर्ज्ब्रुक को अंडर 19 प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया। स्पेन के एनरिक गोंज़ालेज़ को मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया। आज हुए फाइनल में भारत ने पहले ही हाफ में बेल्जियम के ऊपर 2-0 की बढ़त बना ली थी। आठवें मिनट में ही गुरजंत सिंह ने गोल फील्ड गोल करके भारत को 1-0 से आगे कर दिया। 22वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने गोल करके भारत की बढ़त को 2-0 कर दिया। बेल्जियम की टीम काफी कोशिश करने के बावजूद भी पहले हाफ में गोल नहीं कर पाई। दूसरे हाफ में भारत ने गोल तो नहीं किया लेकिन बेल्जियम को भी आखिरी मिनट तक गोल नहीं करने दिया। जब मैच खत्म होने वाला था तब बेल्जियम को एक पेनल्टी कॉर्नर मिला और फैब्रिस वैन बोक्रिक ने गोल किया लेकिन फिर भी टीम को हार से नहीं बचा पाए। भारत ने इससे पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को पेनल्टी में 4-2 से हराया था। क्वार्टरफाइनल में टीम ने स्पेन की मजबूत टीम को 2-1 से हराया था। ग्रुप स्टेज में भारत ने कनाडा को 4-0 से, इंग्लैंड को 5-3 से और दक्षिण अफ्रीका को 2-1 से हराया था। इससे पहले आज एक अन्य मुकाबले में जर्मनी ने ऑस्ट्रेलिया को 3-0 से हराकर टूर्नामेंट में तीसरा स्थान हासिल किया था। अर्जेंटीना की टीम पांचवें, स्पेन छठे, नीदरलैंड्स सातवें, इंग्लैंड आठवें, न्यूजीलैंड नौवें, दक्षिण अफ्रीका दसवें, मलेशिया 11वें, ऑस्ट्रिया 12वें, जापान 13वें, दक्षिण कोरिया 14वें, मिश्र 15वें और कनाडा 16वें स्थान पर रहा।