ओडिशा में खेले जा रहे FIH जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप के सेमीफाइनल में गत विजेता भारत को 6 बार की चैंपियन जर्मनी ने 4-2 से हरा दिया। जबर्दस्त फॉर्म में चल रही जर्मनी की टीम ने शुरुआत से ही भारत पर दबाव बनाए रखा जिसका असर टीम के खेल पर दिखा। भारतीय युवा टीम ने मैच बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन जर्मनी से पार न पा सकी। रविवार को होने वाले फाइनल में जर्मनी का सामना खिताब के लिए अर्जेंटीना से होगा जिसने फ्रांस को दूसरे सेमीफाइनल में पेनेल्टी शूटआउट में 3-1 से हरा दिया। भारत तीसरे स्थान के लिए फ्रांस से भिड़ेगा।
जर्मनी का जबर्दस्त अटैक और डिफेंस
मैच को शुरुआती दोनों क्वार्टर्स पूरी तरह जर्मन अटैक के नाम रहे। मैच के शुरुआती 4 मिनट में ही भारत के कमजोर डिफेंस का फायदा उठाते हुए जर्मनी ने गोल का मौका बनाया। जर्मनी ने 15वें मिनट में मिले पेनेल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर 1-0 की बढ़त बना ली। ये गोल एरिक क्लिनलिन के स्टिक से आया। थोड़ी ही देर में भारत ने भी पेनेल्टी कॉर्नर जीतने में कामयाबी हासिल की, लेकिन टीम गोल नहीं कर पाई।
दूसरे क्वार्टर में जर्मनी के लिए होल्जमूलर ने भारतीय डिफेंस की कमजोरी को फिर भेदा और शानदार फील्ड गोल कर अंतर 2-0 कर दिया। 3 मिनट बाद 24वें मिनट में जर्मनी के कप्तान मूलर ने फील्ड गोल कर जर्मनी की बढ़त 3-0 कर दी और भारत पर दबाव बढ़ गया। अगले ही मिनट उत्तम सिंह ने भी एक बेहतरीन फील्ड गोल कर भारत को कुछ राहत दी। लेकिन अगले ही मिनट जर्मनी को पेनेल्टी स्ट्रोक मिला, जिसे कटर ने गोल में बदलने में कोई गलती नहीं की और स्कोर 4-1 हो गया। तीसरे क्वार्टर में कोई गोल नहीं हुआ जबकि मैच के आखिरी मिनट में भारत के लिए बॉबी सिंह ने गोल किया लेकिन फिर भी टीम 4-2 के अंतर से मैच हार गई।
भारतीय टीम अब तीसरे स्थान के लिए फ्रांस के साथ भिड़ेगी। फ्रांस और अर्जेंटीना का सेमीफाइनल मुकाबला फुल टाइम तक 0-0 पर रहा। इसके बाद हुए पेनेल्टी शूटआउट में 3-1 से बाजी अर्जेंटीना के नाम रही। भारत को तीसरे स्थान के लिए काफी मेहनत करनी होगी क्योंकि टूर्नामेंट के पहले मैच में फ्रांस ने भारत को 5-4 से हराया था। ऐसे में पिछली विश्व कप विजेता टीम इंडिया को किसी भी तरह का ओवरकॉन्फिडेंस भारी पड़ सकता है।