भारतीय महिला हॉकी टीम ने मलेशिया को द्विपक्षीय सीरीज के फाइनल में 1-0 से हराकर खिताब पर कब्जा कर लिया। भारतीय टीम ने 4-0 से सीरीज अपने नाम की। फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने विपक्षी गोलपोस्ट पर कई बार हमला बोला लेकिन सारी कोशिशें बेकार रही। अंततः नवजोत कौर ने 35वें मिनट में गोल दागकर भारत को जीत दिलाई।
मैच समाप्त होने के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच शोर्ड मारिन ने कहा, ‘‘हमें मौकों को गोल में बदलना होगा। मुझे खुशी है कि हमने उनके गोल पर हमले बोले और पेनल्टी कार्नर भी बनाए, लेकिन गोल करना भी जरूरी है।’’
उन्होंने आगे कहा, "इस दौरे से हमें यह सीखने को मिला कि मलेशिया जैसी टीमों के खिलाफ रक्षात्मक रूप से कैसे खेलनाा हैं। इसके अलावा हमारे युवा खिलाड़ियों को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर का अनुभव प्राप्त हुआ, जिससे टीम को आगे मदद मिलेगी।"
भारतीय टीम ने इस दौरे पर मलेशिया के खिलाफ पहले मैच में 3-0 से जीत हासिल किया था। इसके बाद भारत ने दूसरे मैच में मलेशिया को 5-0 से हराकर अजेय बढ़त बना ली थी। जबकि तीसरा मैच 4-4 की बराबरी पर खत्म हुआ था। अंततः भारत ने चौथा मैच 1-0 से जीतकर सीरीज अपने नाम कर लिया। सीरीज जीतने में सबसे बड़ा योगदान नवजोत कौर का रहा जिन्होंने फुल टाइम से पहले एक गोल दागकर भारत को जीत दिलाई।
इस द्विपक्षीय सीरीज से पहले भारत और मलेशिया का आमना-सामना 2017 के एशिया कप में हुआ था, जिसमें भारत ने राउंड रॉबिन लीग मलेशिया को 2-0 से हराया था और चीन के खिलाफ फाइनल भी जीता था। भारतीय टीम ने इस साल स्पेन का भी दौरा किया था। उसने मेजबान और विश्व कप 2018 कांस्य पदक विजेता स्पेन को 5-2 से हराया था। इसके अलावा 2 मैच ड्रा हुआ था। टीम ने विश्व कप 2018 की उपविजेता आयरलैंड से 1-1 से ड्रॉ खेलने के बाद उसे 3-0 से हराया था।