साल 2021 भारतीय हॉकी के लिहाज से एक संजीवनी के रूप में सामने आया है। साल खत्म होने को जरूर है लेकिन देश की हॉकी को इस साल ने जो नई जान दी है वो आने वाले समय में हॉकी को नए आयाम तक जरूर पहुंचाएगी। टीम ने न सिर्फ इस साल टोक्यो ओलंपिक में पुरुष हॉकी का कांस्य पदक जीतकर 41 साल के सूखे को खत्म किया बल्कि FIH विश्व रैंकिंग में अपना साल तीसरे स्थान पर खत्म किया है। सीनियर महिला टीम ने भी अपने खेल में सुधार किया है। टोक्यो ओलंपिक में टीम ने ग्रुप मैचों में बुरी तरह पिछड़ने के बाद न सिर्फ वापसी करते हुए क्वार्टर-फाइनल में जगह बनाई , बल्कि चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को क्वार्टर-फाइनल में हराकर दुनिया को चौंका दिया और कांस्य पदक के लिए ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ खेला।
सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग पर टीम इंडिया
FIH की ताजा जारी रैंकिंग में भारतीय पुरुष हॉकी टीम 2296.038 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। टीम इंडिया हॉलैंड, जर्मनी, अर्जेंटीना जैसी पूर्व ओलंपिक चैंपियन टीमों से आगे है। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम को हराकर 2642.258 अंकों के साथ टॉप स्थान हासिल किया है जबकि बेल्जियम 2632.121 अंक लेकर दूसरे नंबर पर है। साल 2003 में रैंकिंग को पहली बार FIH द्वारा शुरु किया गया था और भारतीय टीम अपने बेहतरीन प्रदर्शन पर है। वहीं भारतीय महिला टीम ने 9वें स्थान पर साल खत्म किया।
ओलंपिक मिस करने से ओलंपिक मेडलिस्ट का सफर
साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक के लिए भारतीय हॉकी टीम क्वालिफाय तक नहीं कर पाई थी। तब हॉकी के अंत जैसी खबरें रोज पढ़ने को मिलती थीं। फिर साल 2010 में नेशनल कैम्प में भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बुरे हालात, कम फीस की शिकायत की थी। इन हालातों में टीम के प्रदर्शन में भी सुधार की उम्मीदें कम ही दिख रही थी। लेकिन पिछले 11 सालों में टीम ने खुद को बनाने में काफी मेहनत की। वर्तमान कोच ग्राहम रीड ने 2019 में टीम की कमान संभाली। टीम ने प्रमुख रूप से अपनी फिटनेस पर ध्यान दिया। टोक्यो में भारतीय टीम ने ग्रुप मैचों में सिर्फ 1 मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गंवाया। उसके बाद कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी को नजदीकी अंतर से हराकर 1980 के बाद ओलंपिक में टीम को कोई पदक दिलाने में कामयाबी हासिल की। साल का अंत होते-होते टीम ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान को हराकर कांस्य पदक जीता। ओलंपिक के सहारे पी आर श्रीजेश, अमित रोहिदास, रुपिंदर पाल जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने अपनी बहाए पसीने का अवॉर्ड भी पा लिया।
टोक्यो ओलंपिक में टीम की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले कई सीनियर खिलाड़ी अब टीम का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में कप्तान मनप्रीत सिंह और कोच ग्राहम रीड पर जिम्मेदारी है कि वो खिलाड़ियों की नई खेप को टीम में मजबूती से शामिल करें।
अब नए साल में नई जिम्मेदारी
अब टीम इंडिया को साल 2022 में भी अपने नए पाए कद के हिसाब से प्रदर्शन करना होगा। 2022 में जुलाई में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन होगा और दो महीने बाद एशियाई खेल भी आयोजित होंगे। टोक्यो ओलंपिक के बाद हॉकी इंडिया ने घोषणा की थी की भारतीय पुरुष और महिला टीमें कोविड के खतरे और 2024 ओलंपिक क्वालिफिकेशन को देखते हुए कॉमनवेल्थ खेलों में भाग नहीं लेंगी। हालांकि आगे चलकर कॉमनवेल्थ खेल फेडरेशन ने साफ किया कि भारत हॉकी में कॉमनवेल्थ खेलों में भाग लेगा। एशियाई खेलों को जीतने वाली टीम 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए सीधे क्वालिफाय करेंगी। ऐसे में भारतीय महिला और पुरुष टीमें जीत की कोशिश करेंगी।
वहीं जनवरी 2022 में होने वाले महिला एशिया कप में भारतीय टीम को बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा। टूर्नामेंट से टॉप 4 टीमें जुलाई 2022 में होने वाले महिला विश्व कप के लिए क्वालिफाय करेंगी। टीम इंडिया को किसी भी हाल में ये कोटा प्लेस पाना होगा। महिला टीम को यह साबित करना होगा कि ओलंपिक में किया गया प्रदर्शन सिर्फ एक इत्तिफाक नहीं था।
यही नहीं, 2022 खत्म होते ही जनवरी 2023 में पुरुष विश्व कप का आयोजन भारत में होना है। ऐसे में भारतीय टीम अगले साल अपने खेल को मजबूत बनाने की पूरी कोशिश करेगी। भारतीय पुरुष टीम ने इकलौती बार साल 1975 में पुरुष हॉकी विश्व कप जीता है। हाल ही में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में पुरुष टीम को जापान के हाथों सेमिफाइनल में चौंकाने वाली हार मिली। टीम का अटैक और डिफेंस दोनों ही इस मैच में एकदम से फेल कर गए। टीम को साल 2022 में महत्त्वपूर्ण मुकाबलों में ऐसी स्थिति से बचना होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हॉकी के लिहाज से साल 2022 भारत के लिए बेहद अहम होने वाला है। देश के सभी हॉकी फैंस और खेल प्रेमी टीम इंडिया से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद लगाए बैठे हैं।