महामारी का प्रभाव गहरा पड़ा और लंबा ब्रेक हुआ। भारतीय हॉकी या फिर आमतौर पर युवाओं को ज्यादा अनुभव प्राप्त करने के लिए जरूरत होती है। यही कारण है कि क्यों पूर्व भारतीय कोच हरेंद्र सिंह का मानना है कि भारत को हरजीत सिंह और देविंदर वाल्मिकी जैसे खिलाड़ियों पर ध्यान देना चाहिए ताकि अगले विश्व कप के लिए टीम का निर्माण कर सकें।
अंतरराष्ट्रीय हॉकी छह से ज्यादा महीने के लिए रुका रहा। एफआईएच ने फैसला किया कि इस साल अक्टूबर में प्रो लीग के माध्यम से वापसी की जाए। मगर जूनियर हॉकी के मामले में योजना अटकी रही और वायरस के कारण इसे प्रभाव में नहीं लाया जा सका। भारत में अब तक कोविड-19 वैक्सीन आई भी नहीं है।
भारतीय जूनियर पुरुष और महिला टीमें अब बेंगलुरु में साई सेंटर में अभ्यास करके अच्छा महसूस कर रहे हैं। भारतीय सीनियर पुरुष और महिला हॉकी टीम का पहले से ही कैंप बेंगलुरु के साई सेंटर में जारी है। जूनियर और सीनियर दोनों के लिए कैलेंडर अब तक ज्यादा या कम हवा में रहा क्योंकि महामारी स्थिति के कारण इसे बार-बार बदला गया। अनियंत्रित स्थिति को ध्यान में रखते हुए, जिससे सीनियर टीम की सप्लाई चैन प्रभावित हो सकती है। हरेंद्र सिंह का मानना है कि ऐसे खिलाड़ियों पर ध्यान देने की जरूरत है, जिन्होंने पहले अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को साबित किया और बाद में उन पर से नजरें हटीं।
भारतीय हॉकी टीम के लिए हरेंद्र ने बताई रणनीति
पिछले महीने कोरोना वायरस की चपेट में आए हरेंद्र अब ठीक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीरेंद्र लाकड़ा और रुपिंदर पाल सिंह जैसे खिलाड़ियों से अगले एशियाई गेम्स या विश्व कप में खेलने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। यही वजह है कि टीम के निर्माण की जरूरत है। इस बात को ध्यान रखने की जरूरत है कि जूनियर्स को अपनी काबिलियत साबित करने का ज्यादा मौका नहीं मिले।
हरेंद्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया डॉट कॉम से बातचीत में कहा, 'मौजूदा जूनियर पुरुष टीम अनुभव में कम है और उन्हें सीनियर स्तर पर पहुंचने से पहले कुछ समय की जरूरत है। तो लाकड़ा और रुपिंदर की जगह कौन भरेगा? वो वही हो सकते हैं, जिनके पास अनुभव हो। मेरे मुताबिक, हरजीत सिंह को कैंप में बुलाना चाहिए। साथ ही देविंदर वाल्मिकी को भी। यह लोग अच्छे खिलाड़ी हैं। आप बीरेंद्र लाकड़ा और रुपिंदर पाल सिंह से 2022 एशियाई गेम्स और 2023 विश्व कप में खेलने की उम्मीद नहीं रख सकते।'
2016 जूनियर विश्व कप में भारत का नेतृत्व करने वाली हरजीत को सरदार सिंह का उत्तराधिकारी माना जा रहा है, जिन्होंने 2018 विश्व कप से पहले संन्यास लिया। हरजीत ने 2016 जूनियर विश्व कप से पहले सीनियर भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया। देविंदर ने भी सीनियर टीम के लिए मुकाबले खेले। हरजीत और देविंदर दोनों वापसी करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इन्होंने नीदरलैंड्स और यूरोपीय हॉकी लीग में क्लब हॉकी में हिस्सा लिया। मगर जहां देविंदर ने एचजीसी के साथ एक साल का करार बढ़ाया तो हरजीत को ऐसा मौका नहीं मिला।