भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जकार्ता, इंडोनिशिया में खेली जा रही एशिया कप हॉकी 2022 प्रतियोगिता का कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है। कप्तान बीरेंद्र लाकड़ा की अगुवाई में युवा भारतीय टीम ने जापान को 1-0 के अंतर से हराया और तीसरा स्थान हासिल किया। हालांकि टीम गत विजेता थी और साल 2017 में गोल्ड अपने नाम करने में कामयाब रही थी, लेकिन यह भी गौर करने वाली बात है कि टूर्नामेंट के लिए भेजी गई भारतीय टीम में 12 खिलाड़ी ऐसे थे जिन्होंने एक भी अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं खेला था, और ऐसे में युवा टीम की ये उपलब्धि टीम के मजबूत भविष्य की ओर इशारा करती है।
भारतीय टीम ने मैच की शुरुआत से ही अटैक करना शुरु किया। हालांकि जापान ने भी भारतीय डिफेंस को भेदा और शुरुआती पांच मिनट में भारतीय सर्किल में दो बार एंट्री ली। राजकुमार पाल ने 7वें मिनट में भारत के लिए गोल किया और ये टीम और मैच का इकलौता गोल रहा। इसके बाद पूरे 53 मिनट तक भारत ने बेहतरीन तरीके से डिफेंस को मजबूत किया और जापान को एक भी गोल करने नहीं दिया। खास बात ये है कि युवा टीम इंडिया को इस पूरे टूर्नामेंट में कमजोर डिफेंस के लिए आलोचना झेलनी पड़ी थी, और ऐसे में इतने अहम मैच में डिफेंस का चमकना फायदेमंद रहा।
भारतीय टीम ग्रुप स्टेज में ही बाहर होने की कगार पर थी जब जापान से भारत ने मैच हारा था और पाकिस्तान ने भारत को ड्रॉ पर रोका। लेकिन फिर इंडोनिशिया को 16-0 के विशाल अंतर से हराकर टीम इंडिया ने सुपर 4 में प्रवेश किया। यहां टीम ने जापान को हराया, मलेशिया और दक्षिण कोरिया से ड्रॉ खेला। भारत के मलेशिया और दक्षिण कोरिया की तरह 5-5 अंक थे लेकिन गोल डिफरेंस के आधार पर भारतीय टीम फाइनल में नहीं पहुंची। लेकिन कांस्य पदक के मैच में भारत ने अच्छा प्रदर्शन कर अपना मनोबल बढ़ाया है। खास बात ये है कि भारतीय टीम ने एशिया कप में सबसे ज्यादा बार पदक जीते हैं, और सिर्फ एक बार 2009 के संस्करण में पदक नहीं जीत पाई थी।
इस टूर्नामेंट का फाइनल मलेशिया और दक्षिण कोरिया के बीच होना है। जापान, मलेशिया और दक्षिण कोरिया इस टूर्नामेंट के जरिए विश्व कप 2023 में पहुंच गई हैं जबकि भारतीय टीम पहले ही बतौर मेजबान क्वालीफाई कर चुकी है।