भारतीय महिला हॉकी टीम को पेरिस ओलंपिक गेम्स के लिए हो रहे क्वालीफायर टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जर्मनी के हाथों शूटआउट में हार का सामना करना पड़ा। फुल टाइम तक स्कोर 2-2 रहने के बाद शूटआउट के शुरुआती पांच प्रयासों में दोनों टीमें 3-3 से बराबरी पर रहीं, लेकिन फिर Sudden Death में जर्मनी ने सफलता से गोल किया और भारत का प्रयास असफल रहा, जिस कारण भारतीय टीम को हार झेलनी पड़ी। अब भारतीय टीम को जापान के खिलाफ शुक्रवार को होने वाले मैच को जीतना होगा ताकि उसे पेरिस का टिकट मिल सके।
जर्मनी ने फाइनल में पहुंचकर पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है जबकि दूसरे सेमीफाइनल में जापान को 2-1 से हराकर अमेरिका की टीम भी पेरिस ओलंपिक का टिकट प्राप्त कर चुकी है। क्वालीफायर टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को ओलंपिक के लिए खाली आखिरी दो स्थानों में से एक स्थान प्राप्त होगा। ऐसे में शुक्रवार शाम जापान के खिलाफ भारतीय टीम को हर हाल में जीत पक्की करनी होगी। मुकाबला भारतीय समय के मुताबिक शाम साढ़े चार बजे से होगा।
कैसे तय हो रहा क्वालिफिकेशन?
इस साल जुलाई में शुरु होने वाले पेरिस ओलंपिक खेलों में महिला हॉकी की स्पर्धा में कुल 12 टीमें हिस्सा लेंगी। फ्रांस को मेजबान के रूप में सीधे प्रतियोगिता में प्रवेश मिला है। ऑस्ट्रेलिया ने ओशियाना कप जीतकर अपनी जगह पक्की कर ली है तो वहीं नीदरलैंड्स ने यूरो हॉकी चैंपियनशिप जीतकर ओलंपिक का टिकट पाया है। अर्जेंटीना ने 2023 के पैन अमेरिकन खेल में पहला स्थान प्राप्त कर क्वालीफाई किया जबकि दक्षिण अफ्रीकी टीम ने अफ्रीका में हुआ क्वालीफायर जीता। चीन की टीम ने हांगझाओ एशियन गेम्स में गोल्ड जीतकर क्वालीफाई किया था।
फिलहाल भारत के रांची और स्पेन के वेलेंसिया में दो क्वालीफायर टूर्नामेंट चल रहे हैं जिनके जरिए टॉप 3-3 टीमें ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगी। स्पेन में हो रहे टूर्नामेंट से बेल्जियम और स्पेन की टीमों ने फाइनल में पहुंचकर क्वालीफाई कर लिया है जबकि ब्रिटेन और आयरलैंड के बीच होने वाले मैच से तीसरी टीम का नाम तय होगा। भारतीय महिला टीम यदि पिछले साल हुए एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीत जाती तो उन्हें पहले ही ओलंपिक क्वालिफिकेशन टिकट मिल जाता। भारतीय पुरुष हॉकी टीम पहले ही एशियन गेम्स जीतने की बदौलत पेरिस ओलंपिक के क्वालीफाई कर चुकी है।