वीआर रघुनाथ भारतीय पुरुष हॉकी टीम के अहम सदस्य हैं। वे टीम में डिफेंस की भूमिका में है और ज़रूरत पड़ने पर वे ड्रैग फ्लिकर की भूमिका भी निभाते हैं। 2016 के रियो ओलिंपिक में जा रही हॉकी टीम इंडिया के रघुनाथ भी एक सदस्य है। ये रही रघुनाथ से जुडी 10 खास बातें:
- वोक्कालिगा रामचंद्र रघुनाथ का जन्म कर्नाटक के कोडागु में 1 नवंबर, 1988 को हुआ था।
- उन्होंने अपने देश के लिए डेब्यू सब-जूनियर लेवल से शुरू किया। साल 2003 में उन्होंने ढाका में हुए सब-जूनियर चैंपियनशिप से शुरुआत की। ये टूर्नामेंट भारत ने जीता और रघुनाथ ने अपनी शुरुआत जीत से की।
- साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय टूर्नामेंट में उन्होंने संदीप सिंह के रिप्लेसमेंट के रूप में सीनियर टीम में जगह मिली।
- 2013 के एशिया कप जहां पर भारत को रजत पदक मिला, उसमें रघुनाथ ने छह गोल दागे। उन्हें "टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाडी" का पुरुस्कार दिया गया।
- पिछले कुछ समय से रघुनाथ भारतीय टीम के अहम सदस्य है और डिफेन्स की भूमिका में खेलते हैं। 2007 के सुल्तान अजलान शाह कप जहाँ पर टीम को कांस्य पदक मिला, उस टीम के रघुनाथ मुख्य सदस्य थे। वापस साल 2008 में टीम को रजत पदक दिलाने में रघुनाथ की अहम भूमिका थी।
- साल 2016 में हॉकी इंडिया ने रितु रानी और धर्मवीर सिंह के साथ-साथ रघुनाथ का नाम अर्जुन पुरस्कार के लिए आगे किया है।
- रघुनाथ को 2010 के विश्व कप से पहले टीम से निकाल दिया गया था, लेकिन 2011 में हुए भोपाल ट्रायल्स में उनके शानदार प्रदर्शन को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सका। 2012 के लंदन ओलंपिक्स में जानेवाली टीम का वें हिस्सा थे।
- 2013 में हॉकी इंडिया लीग के पहले सीजन के किये उन्हें उत्तर प्रदेश विज़ार्ड ने $76,000 में अपने टीम में शामिल किया। वें टीम के कप्तान थे और 14 मैचों में 9 गोल के साथ टीम को तीसरे स्थान पर ले गए।
- लंदन, 2016 में हुए हॉकी चैंपियंस लीग में भारत को रजत पदक मिला और इस टीम का हिस्सा थे रघुनाथ।
- भारतीय हॉकी टीम के फुलबैक और पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ, रघुनाथ ने अपने करियर के 209 मैच में 109 गोल किये हैं।
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