भारत की जूनियर महिला हॉकी टीम ने इतिहास रचते हुए जूनियर एशिया कप की ट्रॉफी हासिल कर ली है। भारत ने फाइनल में दक्षिण कोरिया को 2-1 के अंतर से मात दी और पहली बार इस खिताब को अपने नाम किया। जापान के काकामिघारा में अंडर-21 जूनियर एशिया कप का यह 8वां संस्करण था। खास बात यह है कि कुछ दिन पहले ही भारत ने पुरुषों का जूनियर हॉकी एशिया कप जीतने में भी कामयाबी हासिल की थी।
भारत के लिए फाइनल मुकाबले में अन्नू और नीलम ने गोल दागे। मैच के पहले क्वार्टर में कोई गोल नहीं हुआ। 22वें मिनट में अन्नू ने गोल कर टीम इंडिया को बढ़त दिलाई लेकिन कोरियाई टीम के लिए अगले तीन मिनट के अंदर ही सियो-यिन पार्क ने गोल कर स्कोर बराबर कर दिया। नीलम ने 41वें मिनट में गोल दागते हुए भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई। जापान ने तीसरे स्थान के लिए हुए मैच में चीन को मात दी। टूर्नामेंट में टॉप 3 में रही टीमें इस साल चिली में होने वाले जूनियर महिला हॉकी विश्व कप में भाग लेंगी।
दूसरी बार खेला फाइनल
भारतीय टीम का जूनियर एशिया कप में यह दूसरा फाइनल था। इससे पहले साल 2012 में भारत को फाइनल में चीन के हाथों हार मिली थी। टीम इंडिया साल 1992 में हुए पहले टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर रही थी। साल 2000, 2004 और 2008 में लगातार तीन बार भारत को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। साल 2015 में आखिरी बार जब प्रतियोगता का आयोजन हुआ तब भारतीय महिला टीम दक्षिण कोरिया के हाथों तीसरे स्थान के लिए हुए मैच में हारकर चौथे स्थान पर आई थी। अब कोरियाई टीम को हराकर ही भारत ने पहला खिताब अपने नाम किया है।
टूर्नामेंट में कुल 10 टीमों ने भाग लिया था जिसमें भारतीय टीम को शुरुआती मुकाबलों के लिए दक्षिण कोरिया, मलेशिया, चीनी ताइपे और उजबेकिस्तान के साथ पूल ए में रखा गया था। भारत ने अपने पहले मैच में उजबेकिस्तान को 22-0 के बड़े अंतर से मात दी थी जबकि चीनी ताइपे को 11-0 और मलेशिया को 2-1 से हराया था। भारत ने पूल मैचों में इकलौता ड्रॉ दक्षिण कोरिया के साथ खेला था।