भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पिछले कुछ सालों में शानदार प्रगति की है। भारतीय टीम के गोलकीपर कृष्ण बी पाठक ने कहा कि आगामी टोक्यो ओलंपिक्स में उनकी टीम मेडल से कम कुछ नहीं चाहती है। पाठक का मानना है कि ओलंपिक में चार दशक लंबा मेडल का सूखा समाप्त करने का यह शानदार मौका है।
भारत ने पहले 8 गोल्ड मेडल जीते हैं, लेकिन 1980 मॉस्को ओलंपिक्स में वह आखिरी बार चैंपियन बनी थी। पाठक के हवाले से हॉकी इंडिया ने विज्ञप्ति में कहा, 'हमने पिछले कुछ सालों में शीर्ष टीमों के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया है। हमने एफआईएच हॉकी प्रो लीग में भी अपना दम दिखाया। सभी खिलाड़ी अपने खेल को लेकर विश्वास से भरे हैं और भारत के लिए इतिहास रचने को संकल्पित हैं।'
पाठक ने आगे कहा, 'हमने टीम के रूप में प्रगति की है और अब समय आ गया है जब हमें अपनी शैली सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ लगाना है और अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करना है। हमारा लक्ष्य मेडल से कम कुछ नहीं है और हमें विश्वास है कि इस साल ओलंपिक्स में मेडल जीत सकते हैं।'
24 साल के पाठक ने टोक्यो ओलंपिक्स के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह सुरक्षित की है। वह पीआर श्रीजेश के बाद दूसरे गोलकीपर रहेंगे। पाठक ने कहा कि गोलकीपर और डिफेंडर्स के बीच समन्वय मजबूत बैकलाइन का प्रमुख हिस्सा है।
पाठक ने कहा, 'भले ही मैदान पर अकेला गोलकीपर रहता है, लेकिन वह अकेला नहीं है। मैं डिफेंडर्स से उनकी योजना के बारे में बात करता रहता हूं ताकि उनके साथ सामंजस्य बना सकूं। अगर मैं डिफेंडर्स के साथ अच्छा समन्वय बनाउंगा तो हमारी डिफेंस लाइन मजबूत होगी और हम आसानी से गोल सहन नहीं करेंगे।'
प्रैक्टिस में अपना पूरा जोर लगा रहे हैं: पाठक
टोक्यो ओलंपिक्स की तैयारियों के बारे में बातचीत करते हुए पाठक ने कहा कि उनकी टीम मेडल जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
कृष्ण बी पाठक ने कहा, 'ओलंपिक्स अब ज्यादा दूर नहीं और इसलिए हम सभी प्रत्येक प्रैक्टिस सेशन में अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। कोच ने हमारे लिए उच्च-ऊर्जा वाले अभ्यास सत्र आयोजित किए। हम कुछ सालों से एक ग्रुप के रूप में खेल रहे हैं और हम चाहते हैं कि ओलंपिक्स में अपनी पूरी ताकत झोंके। यह हमारे लिए बड़ी चुनौती होगी, लेकिन हम इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।' बता दें कि कृष्ण बी पाठक ने भारत के लिए अब तक 50 मैच खेले हैं।