अनुभवी डिफेंडर रुपिंदर पाल सिंह ने शनिवार को ध्यान दिलाया कि हॉकी इंडिया ने राष्ट्रीय टीमों के लिए केंद्रीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन कराया, जिसकी बदौलत इतने सालों में टीम के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। रुपिंदर पाल सिंह ने ध्यान दिलाया कि कुछ ही अंतरराष्ट्रीय टीमों के पास इतना अच्छा सपोर्ट स्टाफ है और खिलाड़ी एक ही कैंपस में रहते हैं।
रुपिंदर पाल सिंह ने कहा, 'हम दुनिया की उन चुनिंदा टीमों में से एक हैं, जिसके पास केंद्रीय कोचिंग प्रोग्राम है। जहां सभी खिलाड़ी समूह बनकर एकसाथ रहते हैं, एकसाथ अभ्यास करते हैं और पूरे साल प्रतिस्पर्धी मैच खेलते हैं।' 2010 में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाले 29 साल के रुपिंदर पाल सिंह ने कहा कि केंद्रीय कोचिंग प्रोग्राम से निरंतर खेलने की स्टाइल में सुधार आता है।
रुपिंदर पाल सिंह ने कहा, 'इससे निरंतर खेलने की स्टाइल विकसित करने में मदद मिलती है और हम भाग्यशाली है कि पूरे साल इस तरह का कार्यक्रम आयोजित होता है। बिलकुल कोरोना वायरस स्थिति के कारण बिना किसी टूर्नामेंट के अलग है। मगर राष्ट्रीय कार्यक्रम, जो वैज्ञानिक तरीके से नियोजित करके आयोजित किया गया, इससे टीम को विश्व रैंकिंग में बढ़ने में मदद मिली। नियमित कोचिंग कैंप्स और दौरों से विश्व रैंकिंग में टीम को आगे बढ़ने में मदद मिलती है।'
रुपिंदर पाल सिंह ने बताया कैसे मिला फायदा
रुपिंदर पाल सिंह का मानना है कि भारत में पुरुष टीम को मदद मिलने के अन्य भी कुछ पहलू हैं। रुपिंदर पाल सिंह ने कहा, 'मुझे लगता है कि हॉकी इंडिया भारत में एक के बाद एक इवेंट्स आयोजित करता है, जिसका योगदान हमारे प्रदर्शन पर नजर आ रहा है। घरेलू दर्शकों के सामने खेलने की भावना न सिर्फ काफी उत्साहजनक होती है, लेकिन प्रदर्शन करने का दबाव भी होता है। इससे जब हम विदेश जाते हैं तो बड़ी चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है। भारत में खेलने से हमारा फैन बेस भी बढ़ा और खेल देखने वाले नए दर्शक मिले।'
ड्रैग फ्लिकर रुपिंदर पाल सिंह भारत की कई जीतों में हिस्सा रहे, जिसमें 2014 एशियाई खेल, 2011 और 2016 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी शामिल हैं। जहां पिछले कुछ महीने टीम के लिए चुनौतीपूर्ण हैं, वहीं रुपिंदर का मानना है कि लॉकडाउन से टीम को तकनीकी ज्ञान बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा, 'किसी भी दृश्य में मुझे सकारात्मक पहलू देखने में सही लगता है और मेरा मानना है कि लॉकडाउन से हमें अपने तकनीकी ज्ञान को बढ़ाने में मदद मिली। हमने कई वीडियो, मैचों के विश्लेषण और वीडियो रेफरल आदि पर विचार किए, जबकि हमने इंडोर हॉकी को अनुमति नहीं दी। हमने इस समय में काफी पढ़ाई की और ओलंपिक गेम्स के लिए ऐसी तैयारियों हमारे काम आएंगी।'