भारतीय महिला हॉकी टीम अर्जेंटीना और जर्मनी दौरे पर बिना कोई मुकाबला जीते लौटी, लेकिन उप-कप्तान सविता का मानना है कि उच्च रैंक वाली टीमों के खिलाफ खेलने से हमारे खेल में काफी सुधार हुआ है। सविता ने कहा कि इन दिग्गज टीमों के खिलाफ खेलने का फायदा हमें ओलंपिक गेम्स की तैयारियों में मिलेगा। भारत ने जनवरी-फरवरी में अर्जेंटीना दौरे के दौरान सात मैच खेले।
भारतीय महिला हॉक टीम ने मेजबान देश की जूनियर टीम के खिलाफ दो मुकाबले ड्रॉ कराए। अर्जेंटीना बी टीम के खिलाफ अगले दो मुकाबले गवाएं और फिर अर्जेंटीना की सीनियर टीम के खिलाफ दो मुकाबलों में करारी शिकस्त झेली। इसके बाद फरवरी-मार्च में जर्मनी दौरे पर भारतीय महिला हॉकी टीम ने दुनिया की नंबर-3 टीम के खिलाफ सभी चारों मुकाबले गवां दिए।
सविता के हवाले से हॉकी इंडिया ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'एक साल से ज्यादा समय से प्रतिस्पर्धी मैच नहीं खेले थ। हमें नहीं पता था कि अर्जेंटीना और जर्मनी जैसी शीर्ष टीमों के खिलाफ कैसे खेलना है। हमने अपनी फिटनेस पर काम किया था और आपस में कई मैच खेले थे। मगर जब अर्जेंटीना के खिलाफ मुकाबला हुआ तब हमें महसूस हुआ कि हमें ओलंपिक से पहले क्या सुधार करने की जरूरत है।'
जर्मनी-अर्जेंटीना दौरे पर युवाओं को मिला फायदा: सविता
सविता का मानना है कि टीम की युवा खिलाड़ियों के लिए ये दोनों दौरे काफी महत्वपूर्ण थे। युवाओं को समझने की जरूरत थी कि शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलते समय आपको किस तरह तैयार रहना होता है। सविता ने कहा, 'इन दो दौरों पर काफी युवाओं को मौका मिला और यह बहुत जरूरी था क्योंकि उन्हें समझ आया कि शीर्ष टीमों के खिलाफ किस स्तर का खेल दिखाना होता है। हमने दौरे के दौरान टीम संयोजन में प्रयोग किए और इससे ओलंपिक्स में मदद मिलेगी।'
टोक्यो ओलंपिक्स में अब कम ही समय बचा है और सविता ने कहा कि कोर ग्रुप में काफी उत्साह है। सविता ने कहा, 'कोर ग्रुप की प्रत्येक खिलाड़ी काफी उत्साहित है और प्रत्येक सेशन में अपना 100 प्रतिशत दे रही है। हमारे पास मजबूत खिलाड़ियों का पूल तैयार है और सभी काफी प्रतिस्पर्धी है। हमारा लक्ष्य ओलंपिक के फाइनल में जगह बनाना है।'