भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मिडफील्डर विवेक सागर प्रसाद ने कहा कि उनकी प्राथमिकता राष्ट्रीय टीम के लिए निरंतर प्रदर्शन वाले खिलाड़ी बनने की है। मिडफील्डर विवेक ने अपने छोटे से करियर में अब तक काफी सफलता का अनुभव लिया है। 20 साल के विवेक 2019 में भुवनेश्वर में एफआईएच पुरुषों के हॉकी सीरीज फाइनल्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम के सदस्य थे। इसके अलावा विवेक पिछले साल नवंबर में एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर्स में भारतीय टीम का प्रमुख हिस्सा थे।
विवेक ने कहा, 'मेरे लिए सपने की शुरूआत जैसी हुई और 2019 में एफआईएच साल के उभरते हुए खिलाड़ी अवॉर्ड से सम्मानित होने से मेरा विश्वास बढ़ा। हालांकि, मैं अपने प्रदर्शन से ही संतुष्ट हो सकता हूं। मैं भारतीय टीम के लिए लंबे समय तक निरंतर बेहतर प्रदर्शन करना चाहता हूं। यही मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। मैं बड़े टूर्नामेंट्स जैसे एफआईएच पुरुष हॉकी सीरीज फाइनल्स भुवनेश्वर ओडिशा 2019 और एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर्स 2019 में टीम की जीत में योगदान देकर खुश हूं। हालांकि, मैं बहुत बड़ी प्रतियोगिताओं में टीम की सफलता में योगदान देना चाहता हूं।'
विवेक ने कहा कि उन्हें अपने खेल के कई पहलुओं में सुधार करना है और वह रोजाना बेहतर प्रदर्शन करने के लिए कप्तान मनप्रीत सिंह से बातचीत करते हैं। 20 साल के विवेक ने कहा, 'मेरे करियर की अभी शुरूआत हुई है और मुझे अपने खेल के पहलुओं में काफी सुधार करना है। मैं भाग्यशाली हूं कि शानदार सीनियर मिले हैं जो हमेशा मुझे मार्गदर्शन देने के लिए तैयार रहते हैं। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि अपने आदर्श मनप्रीत सिंह के साथ खेलने को मिल रहा है। मैंने उनसे बात की और वो हमेशा मुझे बड़े मंच पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए विश्वास दिलाते हैं।'
विवेक को चाहिए ओलंपिक मेडल
विवेक ने आगे कहा, 'हॉकी इंडिया जैसा संघ होना भी अच्छा है, जो हमेशा हर तरह से हमारी मदद को तैयार रहते हैं। हॉकी इंडिया के समर्थन के बिना हम खिलाड़ी नहीं होते।' यह पूछने पर कि आपके करियर का सबसे बड़ा लक्ष्य क्या है? विवेक ने बिना झिझके जवाब दिया कि वह भारत को अगले साल ओलंपिक मेडल दिलाना चाहते हैं।
विवेक ने कहा, 'ओलंपिक्स हमारे खेल का सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंट है और मेरा सबसे बड़ा सपना भारत को ओलंपिक मेडल जिताने में योगदान देने का है। हमारी टीम बेहतर है, जो टोक्यो में इतिहास रचने के लिए विश्वास से भरी है और मेरा भी ध्यान विश्व की बेस्ट टीमों के खिलाफ प्रतियोगिता करने पर है। अगर हम अपनी पूरी क्षमता के साथ खेले तो अगले साल टोक्यो से मेडल के साथ लौटेंगे।'