भारतीय हॉकी खिलाड़ी सरदार सिंह ने संन्यास ले लिया। 12 साल तक भारत के लिए खेलने वाले इस खिलाड़ी ने युवा खिलाड़ियों को मौका देने की बात कहते हुए यह बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अब उम्र और गति भी साथ नहीं दे रही है। एशियाई खेलों में सरदार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था।
पीटीआई से बातचीत करते हुए सरदार सिंह ने कहा कि मैंने अपने जीवन में काफी हॉकी खेली है और अब संन्यास लेने का फैसला लिया है। आगे उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में मैंने अपने परिवार से सलाह के बाद संन्यास का निर्णय लिया है। मेरे मित्रों और हॉकी इंडिया, अब मुझे लगता है कि हॉकी के बाद कुछ सोचने के लिए मेरे पास यह सही समय है। आने वाली पीढ़ियों के लिए ओवरटेक करने का सही समय है।
दिलचस्प बात यह भी है कि एशियाई खेलों के दौरान सरदार सिंह ने कहा था कि उनमें अभी काफी हॉकी बची है और वे टोक्यो ओलम्पिक तक खेल सकते हैं। हालांकि एशियाई खेलों में सरदार सिंह का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा था। इस वर्ष भारत में होने वाले हॉकी विश्वकप के कैम्प में चुने गए 25 खिलाड़ियों की सूची में उनका नाम नहीं है। सरदार सिंह को भी इसे देखकर कोई उम्मीद नजर नहीं आई होगी इसलिए शायद उन्होंने यह बड़ा फैसला लिया हो।
कैम्प के लिए नहीं चुने जाने के बारे में उन्होंने कहा कि मैं औपचारिक तौर पर शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रेस वार्ता कर संन्यास का ऐलान करूंगा। उन्होंने 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू किया था, तब से वे भारतीय टीम का एक अहम हिस्सा रहे हैं और शानदार खेल का प्रदर्शन किया।
भारत के लिए 350 मैच खेलने वाले इस खिलाड़ी ने 8 सालों तक टीम की कप्तानी भी की। इसके अलावा 2 बार ओलम्पिक में भारतीय टीम उनके नेतृत्व में खेली।