शर्मिला देवी ने कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं कि उस युग में खेलने का मौका मिला जहां भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल और वंदना कटारिया खेलती हैं। 19 साल की शर्मिला देवी ने 9 मैचों में राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। पिछले साल नवंबर में ओलंपिक क्वालीफायर्स के पहले चरण में शर्मिला देवी ने अमेरिका के खिलाफ दूसरा गोल दागा था, जिसकी मदद से भारत ने मुकाबला 5-1 से अपने नाम किया था।
शर्मिला देवी ने कहा, 'मैंने जिस तरह अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत की, उससे बहुत खुश हूं। एफआईएच हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर्स का हिस्सा बनना साधारण रूप से जादूई है। सबसे अच्छी बात यह है कि मुझे अनुभवी रानी रामपाल और वंदना कटारिया जैसे दिग्गजों के साथ खेलने का मौका मिल रहा है। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि उस युग में खेलने को मिला, जिसमें ये खलती हैं।'
शर्मिला देवी ने आगे कहा, 'मैंने रानी और वंदना को अभ्यास के दौरान करीब से जाना और देखा कि किस तरह वो बड़े मैचों की तैयारियां करती हैं। वो जिस तरह मैदान के अंदर और बाहर खुद को तैयार करती हैं, उससे मैंने काफी कुछ सीखा और मुझे अपने शेष करियर में यह काफी काम आने वाला है।' यह पूछने पर कि अभी क्या लक्ष्य हैं तो शर्मिला देवी ने कहा कि वह ओलंपिक के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करना चाहती हैं, जो अगले साल टोक्यो की यात्रा करेगी।
अपने करियर की शुरूआत से काफी खुश हैं शर्मिला देवी
फॉरवर्ड शर्मिला देवी ने कहा, 'मेरा मानना है कि मैंने अपने हॉकी करियर में अब तक अच्छी प्रगति की है। मेरा खेल अच्छा हुआ है। मुझे बड़ी प्रतियोगिताओं में खेलने का अनुभव भी मिला। अब मेरी कोशिश भारतीय ओलंपिक टीम में जगह पाने की है और फिर टीम को इस प्रतिष्ठित इवेंट में सफलता दिलाने की है। मेरा सबसे बड़ा सपना ओलंपिक्स में खेलना है और यह अच्छा होगा कि मैं अपने करियर के शुरूआती दौर में इतने बड़े टूर्नामेंट में शिरकत कर सकूं।'
शर्मिला देवी ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगे ब्रेक के बाद वह दोबारा मैदान पर लौटने के बाद ज्यादा उत्साहित हैं। शर्मिला देवी ने कहा, 'पिच से लंबे समय के ब्रेक के कारण हमें कई चीजें समझ आईं। हमारे पास अपने खेल का विश्लेषण करने का समय मिला और हमने विचार किया कि खुद को कैसे ज्यादा बेहतर कर सकते हैं। पिच पर लौटने के बाद मैं पहले से ज्यादा उत्साहित हूं। मुझे एहसास हुआ कि खेल को कितना मिस कर रही थी। हम हॉकी इंडिया और साई के आभारी हैं, जिन्होंने सभी मानकों का ध्यान रखा ताकि हम ओलंपिक्स की तैयारियां कर सकें।'