Gujarat Giants Coach Exclusive ahead PKL 11: गुजरात जायंट्स सीजन 5 से प्रो कबड्डी लीग का हिस्सा है, लेकिन अभी तक टीम एक बार भी चैंपियन नहीं बन पाई है। गुजरात का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सीजन 5-6 में आया था, जब टीम ने फाइनल में जगह बनाई थी। हालांकि, हेड कोच राम मेहर सिंह को उम्मीद है कि PKL 11 में गुजरात जायंट्स टाइटल के सूखे को जरूर खत्म करेगी।
PKL 11 में गुजरात गरजने को पूरी तरह तैयार है और कोच को लगता है कि टीम इस बार चैंपियन जरूर बनेगी। गुजरात जायंट्स के हेड कोच राम मेहर सिंह ने हाल ही में Sportskeeda Hindi को इंटरव्यू दिया और इस दौरान उन्होंने टीम की तैयारी, कप्तान का चयन, ऑक्शन में परदीप नरवाल-फज़ल अत्राचली जैसे बड़े खिलाड़ियों को नहीं चुनने के अलावा कई अहम मुद्दों के बारे में बात की। आइए नज़र डालते हैं राम मेहर सिंह ने क्या कहा?
- PKL 11 के लिए गुजरात जायंट्स की तैयारी कैसी चल रही है और किस चीज के ऊपर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है?
-) हमारी टीम बहुत ज्यादा अच्छी है और जिस तैयारी के साथ हम ऑक्शन में गए उसमें हम 90 प्रतिशत तक सफल हुए। कोई भी टीम अगर अपनी प्लानिंग के हिसाब से 80 से 90 प्रतिशत तक सफल रहती है, तो वो भी बहुत बड़ी बात होती है। हम ट्रेनिंग के समय सबसे पहले खिलाड़ियों की एंड्योरेंस पर 2-3 हफ्तों तक काम करते हैं। इसके बाद हम उनकी स्ट्रेंथ, स्पीड और कॉर्डिनेशन पर काम कर रहे हैं। कोई भी टीम अगर हाई लेवल पर पूरी तरह फिट होगी और उनका तालमेल अच्छा होगा, तो इंजरी भी कम होगी और प्रदर्शन भी अच्छा होगा।
- पिछले सीजन में गुजरात जायंट्स के खिलाड़ियों को इंजरी का सामना करना पड़ा था, आप इसे किस तरह देखते हैं?
-) कबड्डी, बॉक्सिंग, रेसलिंग यह ऐसे खेल हैं जिसमें इंजरी होना आम बात है। इंजरी से बचना है, तो फिर आपको बॉडी कॉन्टेक्ट गेम नहीं खेलने चाहिए। ऐसा भी होता है जब आप बिना इंजरी के पूरा सीजन खेल जाते हैं। सीजन 3-5 तक पटना पाइरेट्स जब चैंपियन बनी थी, तो हमारे किसी भी खिलाड़ी को इंजरी नहीं हुई थी। लक की बात होती है कि कभी किसी को इंजरी नहीं होती और कभी-कभी 3-4 खिलाड़ी चोटिल हो जाते हैं।
- PKL 11 के लिए नीरज कुमार को कप्तान और गुमान सिंह को उपकप्तान बनाने का कारण?
-) नीरज कुमार ने पहले भी पटना पाइरेट्स की कप्तानी की है और गुमान सिंह को कप्तानी का अनुभव नहीं है, लेकिन वो सीजन 7 से खेल रहे हैं। 4-5 सीजन का अनुभव काफी होता है और यह बड़ी बात है। वो साइलेंट किलर की तरह हैं। हम अपने कप्तान और उपकप्तान को पूरी आजादी देते हैं। हमें उन्हें बेस्ट देने के लिए कहते हैं और किसी भी प्रकार के दबाव के बिना खेलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। गुमान सिंह के अलावा मेरे पास दो राइट के रेडर्स भी हैं (राकेश और प्रतीक दहिया)। इसके अलावा मैं डिफेंस को भी सेट कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है टीम अच्छा करेगी।
- गुजरात जायंट्स का कवर डिपार्टमेंट PKL 11 के लिए थोड़ा कमजोर दिखाई दे रहा है और डिफेंस में अनुभव की कमी है, आप इसे कैसे देखते हैं?
-) ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। जब लीग शुरू होगी तो आप देखना हमारा प्रदर्शन। हमने जो ईरानी डिफेंडर लिया, वो काफी ज्यादा अच्छा है। इसके अलावा कवर में हमारे पास डी बालाजी भी हैं। उन्होंने अपने ऊपर काफी ज्यादा काम किया है और स्पीड पर काम करने के अलावा अपना बॉडी वेट भी कम किया है।
- PKL 11 ऑक्शन में आप किस वजह से परदीप नरवाल को खरीद पाने में कामयाब नहीं हुए?
-) परदीप नरवाल अगर ऑक्शन में पहले आते, तो मैं उनके लिए जा सकता था। हालांकि, मैं गुमान सिंह के लिए नहीं जाता, तो इस बात की गारंटी नहीं थी कि परदीप मुझे मिल ही जाएगा। मैं गुमान को छोड़ता और परदीप नरवाल भी नहीं मिलता, तो हमारे लिए दिक्कत हो जाती। इसी वजह से मुझे उन दोनों में से एक को चुनना पड़ा।
- फज़ल अत्राचली आपको ऑक्शन में काफी सस्ते में मिल रहे थे, आपने उनके खिलाफ FBM कार्ड का इस्तेमाल क्यों नहीं किया?
-) फज़ल अत्राचली एक अच्छे खिलाड़ी और कप्तान रहे हैं। हालांकि, बतौर खिलाड़ी और कोच मैं मानता हूं कि उनका समय अब पूरा हो गया है। अब नए खिलाड़ियों को मौका मिलना चाहिए। फज़ल में मुझे अब पहले जैसी चुस्ती-फुर्ती (Reflexes) देखने को नहीं मिल रही। हालांकि, हमारे पास एक और डिफेंडर (जितेंदर), जिन्हें हमने बाहर बिठाकर रखा है उन्होंने सीनियर नेशनल में काफी अच्छा किया है। हमने उनके ऊपर भरोसा जताया है।
- PKL 11 में गुजरात जायंट्स का MVP कौन हो सकता है?
-) यह कहना मेरे लिए काफी मुश्किल होगा कि MVP कौन हो सकता है, क्योंकि जब आपके पास 5-6 से इतने बढ़िया खिलाड़ी हैं तो उनमें से एक चुनना मुश्किल है। इस टीम में मेरे पास 3-4 परदीप नरवाल हैं। गुमान सिंह, राकेश, प्रतीक यह सब ही परदीप ही हैं। उस समय मेरे पास सिर्फ एक परदीप था, लेकिन अब काफी विकल्प हैं।