प्रो कबड्डी 2019 का सातवां काफी शानदार रहा और इस सीजन कई बेहतरीन और यादगार मुकाबले देखने को मिले। फाइनल में बंगाल वॉरियर्स ने दबंग दिल्ली को हराकर खिताब पर पहली बार कब्जा किया। बंगाल ने एक टीम के तौर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया, जोकि उनकी खिताबी जीत का अहम कारण भी रहा।
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इस सीजन कई युवा खिलाड़ी ने अपने प्रदर्शन से सभी को काफी प्रभावित किया। दूसरी तरफ कुछ ऐसे दिग्गज खिलाड़ी भी रहे, जिनसे उम्मीद काफी थी लेकिन उन्होंने काफी निराशाजनक प्रदर्शन किया।
इस लिस्ट में हम ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के ऊपर नजर डालेंगे, जिनके लिए सातवां सीजन काफी निराशाजनक रहा:
#5) जैंग कुन ली (पटना पाइरेट्स)
तीन बार की प्रो कबड्डी का खिताब जीत चुकी पटना पाइरेट्स की टीम ने पिछले सीजन के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इस सीजन कप्तान परदीप नरवाल का साथ देने के लिए नीलामी में जैंग कुन ली को खरीदा। हालांकि जैंग कुन ली उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए और परदीप नरवाल को वो समर्थन नहीं मिला, जिसकी उन्हें उम्मीद थी।
जैंग कुन ली ने इस सीजन में 16 मुकाबले खेले, जिसमें उनके नाम सिर्फ 63 ही पॉइंट रहे। उन्होंने 60 रेड और 3 टैकल पॉइंट्स हासिल किए। इसके अलावा वो सीजन में एक भी हाई 5 नहीं लगा पाए।
#4) मोनू गोयत (यूपी योद्धा)
प्रो कबड्डी सीजन 6 के सबसे महंगे खिलाड़ी मोनू गोयत को इस सीजन में यूपी योद्धा ने खरीदा था। यूपी को उम्मीद थी कि मोनू का अनुभव टीम के काम आएगा। हालांकि मोनू गोयत पूरे सीजन में निरंतरता के साथ प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं हुए। इस बीच वो चोट और फॉर्म से लगातार जूझते हुए नजर आए।
मोनू ने इस सीजन सिर्फ 14 ही मुकाबले खेले जिसमें उनके नाम सिर्फ 70 ही पॉइंट रहे। उन्होंने इस बीच 65 रेड और 5 टैकल पॉइंट्स हासिल किए। मोनू ने सिर्फ दो ही सुपर 10 लगाए।
#3) सचिन (गुजरात फॉर्च्यूनजायंट्स)
गुजरात फॉर्च्यूनजायंट्स को सीजन 5 और 6 में फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले सचिन का प्रदर्शन भी इस सीजन कुछ खास नहीं रहा। गुजरात की टीम को जब अपने स्टार रेडर से सबसे ज्यादा उम्मीद थी तब उन्होंने काफी निराश किया। सचिन भी इस सीजन में चोट और फॉर्म से लगातार परेशान नजर आए।
सचिन ने इस सीजन सिर्फ 16 ही मुकाबले खेले, जिसमें उनके नाम 85 ही पॉइंट रहे। उन्होंने 84 रेड और एक टैकल पॉइंट्स हासिल किए। इस सीजन सचिन ने सिर्फ 2 ही सुपर 10 लगाए।
#2) गिरीश एर्नाक (पुनेरी पलटन)
पुनेरी पलटन ने इस साल नीलामी में सुरजीत नरवाल और गिरीश एर्नाक को अपनी टीम में शामिल किया। उन्हें उम्मीद थी कि दो दिग्गजों का अनुभव टीम के काम आएगा। जहां एक तरफ सुरजीत ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया, लेकिन गिरीश एर्नाक का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा।
गिरीश ने इस सीजन 17 मुकाबले खेले, जिसमें वो 35 पॉइंट हासिल कर पाए। इसमें 34 टैकल और एक रेड पॉइंट शामिल हैं। गिरीश ने सिर्फ एक हाई 5 लगाया। इस बीच पुणे के कोच अनूप कुमार भी गिरीश के प्रदर्शन से बिल्कुल खुश नहीं थे।
#1) राहुल चौधरी (तमिल थलाइवाज)
प्रो कबड्डी 2019 के शुरू होने से पहले तमिल थलाइवाज की टीम सबसे ज्यादा मजबूत नजर आ रही थी। इसके पीछे की वजह टीम में कई अनुभवी खिलाड़ी शामिल थे। इसमें कप्तान अजय ठाकुर, मंजीत छिल्लर, राहुल चौधरी, मोहित छिल्लर और शब्बीर बापू जैसे बड़े नाम शामिल थे। हालांकि टीम का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि वो इस सीजन सिर्फ 4 मैच जीत पाए और आखिरी स्थान पर रहे।
इस बीच राहुल चौधरी से टीम को काफी उम्मीद थी और उन्होंने दूसरे खिलाड़ियों की तुलना में सबसे ज्यादा मैच भी दिए गए। राहुल के नाम इस सीजन 22 मुकाबलों में 138 पॉइंट ही रहे। इसमें 130 रेड और 8 टैकल पॉइंट्स शामिल हैं। राहुल ने इस सीजन सिर्फ 4 सुपर 10 लगाए। निश्चित ही राहुल जैसे बड़े खिलाड़ी से इस तरह के प्रदर्शन के उम्मीद किसी ने नहीं की थी।