स्पोर्ट्सकीड़ा एक्सक्लूसिव: विकास कंडोला और प्रशांत कुमार राय के कारण मेरे ऊपर ज्यादा दबाव नहीं आता- विनय

विनय ने अपने पहले सीजन में काफी प्रभावित किया
विनय ने अपने पहले सीजन में काफी प्रभावित किया

प्रो कबड्डी 2019 में इस समय हरियाणा लेग चल रहा है और हरियाणा स्टीलर्स की टीम अपने होम लेग के मुकाबले खेल रही है। हरियाणा ने ताऊ देवी लाल स्टेडियम में गुजरात फॉर्च्यूनजायंट्स को हराते हुए प्लेऑफ में अपना स्थान पक्का किया। टीम को अभी भी अपने होम लेग में दो मुकाबले खेलने हैं और अभी सीधे सेमीफाइनल में जगह बनाने पर होगी।

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हरियाणा स्टीलर्स के लिए इस सीजन विकास कंडोला का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है, लेकिन उन्हें अपना पहला ही सीजन खेल रहे विनय का अच्छा साथ मिला है। युवा रेडर विनय ने इस सीजन 19 मुकाबलों में 92 रेड पॉइंट और 4 टैकल पॉइंट समेत 96 पॉइंट हासिल किए हैं। वो टीम के दूसरे सबसे सफल रेडर साबित हुए हैं। उन्होंने इस बीच दो सुपर 10 भी लगाए हैं।

गुजरात फॉर्च्यूनजायंट्स के खिलाफ हुए मैच के बाद विनय ने स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ खास बातचीत की और अपने पूरे सफर के बारे में बताया:

-आपका यह पहला सीजन है, अपने प्रदर्शन को आप किस तरह देखते हैं?

-कोच ने हमने ट्रेनिंग काफी अच्छी कराई है। हर मैच से पहले जो रणनीति बनाई जाती है, उसके हिसाब से हम खेलते हैं तो टीम भी अच्छा करती है और व्यक्तिगत प्रदर्शन भी अच्छा रहता है।

-हरियाणा स्टीलर्स के कोच राकेश कुमार हैं, उनसे आपने क्या-क्या सीखा इस सीजन में ?

-सबसे महत्वपूर्ण चीज, जो मैंने राकेश कुमार से सीखी वो है अनुशासन। वो खुद दो अनुशासन में रहते ही हैं और साथ में हम सभी को सिखाते हैं कि अनुशासन में रहोगे तो अपने ही आप एक अच्छे खिलाड़ी के साथ बेहतर इंसान भी बनोगे।

आपकी टीम में विकास कंडोला और प्रशांत कुमार के रूप में दो अनुभवी रेडर हैं, तो इससे आपके ऊपर दबाव कम हो जाता है?

-मैं ज्यादा दबाव अपने ऊपर नहीं लेता। मुझे अनुभवी खिलाड़ी टीम में मौजूद हैं और वो मेन रेडर्स हैं। इसी वजह से दबाव उनके ऊपर ज्यादा रहता है। वो मुझे खुलकर खेलने के लिए भी कहते हैं।

-आपने कबड्डी खेलना कब शुरू किया और कब इसमें अपना करियर बनाने का फैसला किया?

-मैंने नौवीं क्लास में कबड्डी खेलना शुरू किया और इसकी शुरुआत स्कूल से ही हुई थी। इसके बाद एशियन गेम्स देखा और फिर प्रो कबड्डी आई, उसके बाद ही कबड्डी में करियर बनाने का फैसला किया। इसके लिए काफी मेहनत और ट्रेनिंग भी की। मुझे परिवार की तरफ से भी पूरा समर्थन मिला और कोई दबाव नहीं था। घरवालों ने हमेशा ही खेलने के लिए प्रेरित किया।

-कोई खास गोल, जिसे आप हासिल करना चाहते हैं कबड्डी में?

-मुझे भारत के लिए कबड्डी खेलना है और उसके लिए जितनी मेहनत, ट्रेनिंग मुझे करनी होगी। मैं उसे पूरी लगन के साथ करूंगा, जिससे भारत के लिए खेल पाऊं।

-इस समय आप कबड्डी नहीं खेल रहे होते, तो किस फील्ड में अपना करियर देखते और कबड्डी के अलावा कोई और खेल जिसे आप पसंद करते हैं?

-मैंने प्राइमरी टीचिंग का डिपलोमा किया हुआ है और उसी की तैयारी करता। कबड्डी के अलावा मुझे वॉलीबॉल खेलना काफी पसंद है।

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Edited by मयंक मेहता