अब फैंस फ्रांस में UFC का खेल होते हुए नहीं देख पाएंगे। इस पर बैन लगा दिया गया है। फ्रेंच स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री ने कुछ रूल्स के मुताबिक इस पर बैन लगाकर रख दिया है। फ्रेंच मिनिस्ट्री ने कॉम्बैट स्पोर्ट्स के लिए कुछ नए रूल्स बनाये हैं जिसने इस खेल को एक नाकआउट पंच देकर रख दिया है। पहले से ही कई टेक्निक्स पर बैन लगा हुआ है जैसे कि ग्रोइन स्ट्राइक्स, हैरपुलिंग, बाइटिंग आदि। अब अगर लेकिन ग्राउंड और पाउंड में भी बैन लगा दिया गया तो इससे इस गेम को काफी बड़ा झटका लगेगा। नए रूल्स के मुताबिक यह कॉन्टेस्ट किसी केज के अंदर नहीं बल्कि रिंग में होनी चाहिए। जिसकी वजह से वहां UFC का हो पाना नामुमकिन है। फ्रेंच जूडो फेडरेशन के हेड, जीन-लुक रोग ने कहा है कि अगर कोई भी जुडो कोच MMA सिखाते पाया गया तो उसे फ्रेंच जूडो फेडरेशन से बाहर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि MMA जैसा खेल जिहादियों के लिए होता है। फ्रेंच जूडो फेडरेशन के तरफ से ऐसे कड़े शब्दों के इस्तेमाल को देखकर एक बात तो पक्की है कि फ्रांस में MMA का भविष्य खतरे में है। फ्रांस के ऑफिशियल MMA फेडरेशन ने यह बैन लगने पर कहा है कि वे फ्रेंच स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री के तरफ से लगाए कड़े बैन के खिलाफ कोर्ट जाएंगे। कई बड़े फ्रेंच MMA फाइटर्स जैसे कि बैलेटर हैवीवेट चीक कॉन्गो , टॉम डुकुसनोय और मंसौर बरनौई ने अपने करियर के लिए US की तरफ अपना रुख मोड़ने को सोच लिया है हालाँकि वे चाहते हैं कि यह खेल खेलने की अनुमति उन्हें उनके अपने देश में भी दी जाए। MMA जंकी के साथ इंटरव्यू में चीक कॉन्गो ने कहा था, "लोगों को लगता है कि यह खेल खेलने के लिए कोई स्किल्स नहीं लगती हैं इसमें कोई रूल्स नहीं होते हैं। उनके दिमाग में पुराने UFC की छवि बानी हुई है। जब हमारे साथ बैठकर उनकी चर्चा होगी तब उन्हें पता चलेगा कि हम कितने अलग हैं ।