भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने शनिवार को कहा कि भारत में खेल परंपरा को आत्मसात करने की जरूरत है। अभिनव बिंद्रा ने कहा कि ऐसा करने से देश को ओलंपिक्स में कई मेडल्स जीतने में मदद मिलेगी। अभिनव बिंद्रा ने एक कार्यक्रम से इतर कहा, 'हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। आने वाले सालों में हमें कीर्तिमान स्थातिप करना होंगे। हमें अपनी उपलब्धियों के करीब पहुंचना होगा, ओलंपिक्स में कई मेडल्स जीतना होंगे। हमें देश में खेल परंपरा आत्मसात करने की कड़ी कोशिश करनी होगी।'
2008 बीजिंग ओलंपिक्स में 10 मीटर एयर राफल इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाले अभिनव बिंद्रा के मुताबिक यह जरूरी है कि देश में खेल को सामाजिक मूवमेंट बनाया जाए। 38 साल के अभिनव बिंद्रा ने कहा, 'मुझे पता है कि हम सभी जीतने के लिए बहुत उत्साहित हैं, लेकिन मुझे लगता है कि हमें खेल को देश में सामाजिक मूवमेंट बनाने की जरूरत है। हमें ज्यादा लोगों को खेल सिर्फ मनोरंजन के लिए अपनाने पर बाध्य करने की जरूरत है।'
अभिनव बिंद्रा ने आगे कहा, 'और जब हम ऐसा होते देखेंगे, तो अपने आप ही एलीट खेलों में प्रदर्शन बढ़ेगा और पूरे मूवमेंट का यह बाय-प्रोडक्ट बनेगा।' 10 मीटर एयर राइफल में पूर्व विश्व चैंपियन और 2016 रियो ओलंपिक्स के बाद आंट्रप्रनूर बने अभिनव बिंद्रा ने कहा, 'खेल को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए काफी मेहनत करने की जरूरत है। जब हमारे परिवार खेल में शामिल होंगे और फिल्म वगैरह देखने के बजाय खेलों को देखेंगे तो इसमें असली बदलाव दिखेगा। तब हम अपनी महत्वकांक्षाओं के करीब पहुंचेंगे।'
खेल में अच्छे कोच की जरूरत: पीवी सिंधू
ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट और विश्व चैंपियन पीवी सिंधू ने कहा कि खेल में अच्छे कोच का होना महत्वपूर्ण है, जो खिलाड़ियों की मानसिकता को समझते हैं और ज्यादा चैंपियंस बनाने के लिए उनकी विशेष जरूरतों पर ध्यान देते हैं।
पीवी सिंधू ने कहा, 'मैं कहना चाहूंगी कि हमें खेल में अच्छे कोच की जरूरत है, जो प्रत्येक खिलाड़ी का विश्लेषण कर सके क्योंकि प्रत्येक खिलाड़ी की मानसिकता अलग होती है। इसलिए कोच को खिलाड़ी की मानसिकता समझने की जरूरत है। चूकि मेरा खेलने का तरीका अलग है, इसलिए हो सकता है कि मेरे सोचने का तरीका भी अलग हो। जबकि अन्य खिलाड़ी जैसे साइना नेहवाल, उनकी मानसिकता अलग हो सकती है। इसलिए खेल में आपको खिलाड़ी की मानसिकता समझना जरूरी है और उस हिसाब से क्या बदलाव करने की जरूरत है, वो बताना चाहिए।'
25 साल की हैदराबादी शटलर ने विश्वास जताया कि आने वाले कुछ सालों में कई खिलाड़ी अलग-अलग खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे और मेडल्स भी जीतेंगे। पीवी सिंधू ने कहा, 'जहां तक मुझे पता है कि बहुत अच्छा ढांचा मिला और जिन उपकरणों की हमें जरूरत थी, वो मिले। मुझे भरोसा है कि आने वाले पांच सालों में अलग-अलग खेलों में खिलाड़ी आगे बढ़ेंगे, जो देश का प्रतिनिधित्व करेंगे और मेडल्स भी जीतेंगे।'