एशियाई खेलों के लिए इंडोनेशिया के दोनों शहर सज चुके हैं। भारत के खेल मंत्रालय ने भी 804 सदस्यीय दल की स्वीकृति दे दी है। राष्ट्रमंडल खेलों में धूम मचाने वाले भारतीय निशानेबाज यहां भी सोने पर निशाना लगाने के लिए तैयार हैं। निशानेबाजी में सभी की निगाहें दो युवाओं पर है। पहला 15 साल के अनीश भानवाल और दूसरा 16 साल की सनसनी मनु भाकर। इसके अलावा हीना सिद्धू, अपूर्वी चंदेला, श्रेयसी सिंह और राही से भी देश को पदक की उम्मीद है। गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन से खिलाड़ी भी उत्साहित हैं। हालांकि उन्हें यहां पदक के लिए ज्यादा मेहनत करनी होगी। दरअसल, भारत अब तक एशियाई खेलों में कुल 616 पदक जीत चुका है। इसमें 139 स्वर्ण, 178 रजत और 299 कांस्य पदक शामिल हैं। इनमें से कुल 49 पदक निशानेबाजी में भारत को मिले हैं। इस स्पर्धा में भारत ने सात सोना, 17 चांदी और 25 कांसा जीता है। पदक के लिहाज से यह स्पर्धा भारत के लिए काफी अहम है क्योंकि एथलेटिक्स, कुश्ती और मुक्केबाजी के बाद पदक दिलाने के मामले में इसी का नंबर आता है। हालांकि यह भी दिलचस्प आंकड़ा है कि अभी तक कोई भी महिला निशानेबाज इस प्रतियोगिता के निशानेबाजी स्पर्धा में स्वर्ण हासिल नहीं कर पाई है। वहीं पुरुष सात बार मैदान मार चुके हैं। यह सिलसिला 1978 में रणधीर सिंह से शुरू हुआ था। इस बार उम्मीद की जा रही है कि युवा मनु यहां भी अपना जलवा बिखेरेगी। वह बीते कुछ समय से लगातार भारत के लिए पदक जीत रही हैं। उनकी निरंतरता भी जकार्ता और पालेमबंग में उनकी पदक की दावेदारी को मजबूत बनाता है। हरियाणा के झज्जर की मनु ने निशानेबाजी विश्व कप के जूनियर और सीनियर स्तर की प्रतियोगिता में उम्दा प्रदर्शन किया। उनके प्रदर्शन को देखते हुए निशानेबाजी संघ ने उन्हें हीना जैसे स्टार पर तरजीह देते हुए मिश्रित टीम में जगह दी। हालांकि यह कहना कि सिर्फ मनु ही एकमात्र उम्मीद है, गलत होगा। अन्य खिलाड़ियों ने भी हाल के दिनों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। आज कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों की चर्चा करते हैं। अनीश भानवाल भारत के इस युवा ने अपने कारनामें से सबको अचंभित किया है। अपने पहले राष्ट्रमंडल खेल में ही स्वर्ण पदक जीत कर उसने इतिहास रचा। साथ ही 15 साल की उम्र में सोना जीतने वाले अनीश पहले खिलाड़ी भी बने। 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में अनीश ने कमाल की निशानेबाजी की। वह एशियाई खेलों के रैपिड फायर स्पर्धा में ही चुनौती पेश करेंगे। अपूर्वी चंदेला 2014 ग्लास्गो खेलों में सोना जीतने वाली अपूर्वी से रियो ओलंपिक में भी अच्छा करने की उम्मीद थी। हालांकि वह यहां कुछ खास नहीं कर पाईं। महिला 10 मीटर स्पर्धा में वह 34वें स्थान पर आईं थीं। देश को उम्मीद है कि वहा एशियाई खेलों में अपने पुराने फॉर्म को दोहराते हुए स्वर्ण पदक लाएगी। हीना सिद्धू हीना पहली भारतीय महिला पिस्टल शूटर हैं जिन्होंने विश्व में नंबर एक स्थान हासिल किया था। 7 अप्रैल 2014 को पेशे से डेंटल सर्जन हीना ने पहले स्थान पर कब्जा जमाया था। वह पहली महिला पिस्टल निशानेबाज हैं जिन्होंने विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता था। गोल्ड कोस्ट में रजत से पाने वाली हीना भी पदक की प्रबल दावेदार हैं। अंकुर मित्तल 26 साल के अंकुर ने हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया है। 2018 कॉमनवेल्थ में कांसा, 2017 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण और 2017 विश्व चैंपियनशिप में रजत के साथ अंकुर भी पदक की सूची में शामिल होने के दावेदार हैं।