डोपिंग बैन: शूटर रवि कुमार को नहीं मिली राहत

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कॉमनवेल्‍थ और एशियाई गेम्‍स में मेडल जीतने वाले शूटर रवि कुमार की दो साल डोपिंग बैन के बाद जल्‍दी वापसी की उम्‍मीदों को तगड़ा झटका लगा है। राष्‍ट्रीय डोपिंग विरोधी एजेंसी (नाडा) ने रवि कुमार की अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें अनुकंपा के आधार पर उसकी अपात्रता अवधि को कम करने की दलील दी गई थी।

नाडा के डोपिंग विरोधी अपील पैनल (एडीएपी) ने रवि कुमार के बचाव को खारिज कर दिया, जिसमें प्रतिबंधित ड्रग प्रोप्रानोलोल- बीटा ब्‍लॉकर- जो माइग्रेन के उपचार में उपयोग किया जाता है का उपयोग किया। रवि कुमार पर से बैन नहीं हटाने का फैसला किया गया है। रवि कुमार पर 5 दिसंबर 2019 से बैन प्रभावी है जब उन्‍हें पहली बार डोपिंग अपराध में सजा सुनाई गई थी।

रवि कुमार की बैन अवधि 4 दिसंबर 2021 को समाप्‍त होगी। रवि कुमार के मामले में 27 और 31 अगस्‍त को दो पैनल सुनवाई हुई और निर्णय पिछले सप्‍ताह घोषित किया गया। बता दें कि रवि कुमार का परीक्षण पिछले साल मई-जून में कुमार सुरेंद्र नाथ मेमोरियल मीट में हुआ था।

रवि कुमार ने क्‍या खोया

इस दौरान रवि कुमार अगले साल नई दिल्‍ली में मार्च (19 से 28) में होने वाले विश्‍व कप में हिस्‍सा नहीं ले सकेंगे। टोक्‍यो ओलंपिक्‍स में क्‍वालीफिकेशन के लिए इंटरनेशनल शूटिंग स्‍पोर्ट फेडरेशन (आईएसएसएफ) ने इसे निर्णायक घोषित किया है। रवि कुमार इसके अलावा 2021 में दक्षिण कोरिया (चांगवोन), अजरबैजान (बाकू), मिस्र (काइरो) और इटली (लियोनाटो) विश्‍व कप में हिस्‍सा नहीं ले पाएंगे। इसके अलावा रवि कुमार कई राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पर्धाओं में भी हिस्‍सा नहीं ले सकेंगे।

यह माना जा रहा है कि रवि कुमार की कानूनी टीम अब अपील पैनल के फैसले को चुनौती देने के लिए विश्‍व डोपिंग विरोधी एजेंसी (वाडा) का दरवाजा खटखटा सकती है। वकीलों का मानना है कि शूटर के हिस्‍से से गलती अनजाने में हुई और उन्‍हें शक की बिनाह पर फायदा दिया जाना चाहिए। साथ ही अधिकारियों को बाद में थेरेपेटिक यूज एक्‍सेंप्‍शन (टीयूई) प्रमाणपत्र दिया गया था।

रवि कुमार को इसलिए बैन किया गया था क्‍योंकि उनकी शरीर में प्रतिबंधित पदार्थ प्रोप्रानोलोल की उपस्थिति पाई गई थी। वह ज्‍यूरी को राजी नहीं सके थे कि कैसे उनके शरीर में यह पदार्थ उपस्थित था। रवि कुमार ने अपने आप को प्रतिबंध किए जाने के खिलाफ नाडा की एंटी-डोपिंग डिसीप्‍लेनरी पैनल (एडीडीपी) में अपील की थी।

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