अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) ने कहा कि वह अप्रिय स्थिति का अनुभव कर रही है क्योंकि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने विश्व ईकाई का पेज अपने प्लेटफॉर्म से बिना कोई सूचना दिए डिलीज कर दिया है। इसके बाद आईएसएसएफ ने हैशटैग अनब्लॉक आईएसएसएफ फेसबुक अभियान की शुरूआत की है। ट्विटर और इंस्टाग्राम के अलावा दुनिया के निशानेबाज खेल की शासकीय ईकाई की अपडेट आईएसएसएफ फेसबुक पेज के जरिये हासिल करते थे। यह पेज 14 जनवरी 2010 को क्रिएट किया गया था।
निशानेबाजी की शीर्ष संस्था ने एक बयान में कहा, 'कल एक अप्रिय स्थिति पैदा हुई और फेसबुक ने बिना कोई कारण बताए या चेतावनी दिए बिना सोशल नेटवर्क पर से आईएसएसएफ पेज डिलीट कर दिया। इस समय हम देख रहे हैं कि क्या हुआ और आप सभी के साथ अधिकारिक वेबसाइट, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर बने हुए हैं। हम आप सभी से हमारा समर्थन करने के लिए कहते हैं। प्लीज आप इसके लिए हैशटैग '#अनब्लॉक_आईएसएसएफ_फेसबुक' का इस्तेमाल कीजिए।'
आईएसएसएफ ने निशानेबाजी जगत से एकजुट होने और फेसबुक को अपना फैसला बदलने के लिए मजबूती के साथ खड़े होने की अपील की है। आईएसएसएफ ने कहा, 'हम आपसे गुजारिश करते हैं कि हमारा समर्थन कीजिए। कृपया हमारे समर्थन के लिए हैशटैग अनब्लॉक आईएसएसएफ फेसबुक का उपयोग कीजिए।' बता दें कि आईएसएसएफ का हेडक्वार्टर म्यूनिख में हैं। जहां अब तक यह कारण नहीं पता चला सका कि फेसबुक ने आखिर क्यों आईएसएसएफ का पेज डिलीट किया है, वहीं माना जा रहा है कि फेसबुक की रणनीति में बदलाव हुआ है।
आईएसएसएफ ने फेसबुक से मांगा जवाब
बता दें कि आईएसएसएफ के फेसबुक पेज पर 615000 लाइक्स थे। आईएसएसएफ के महासचिव एलेक्सेंडर रैटनर ने कहा कि संस्था ने फेसबुक से पेज अनब्लॉक करने को कहा है, जिसे वो अपनी कम्यूनिटीम में महत्वपूर्ण टूल मानते हैं। इसके साथ आईएसएसएफ ने फेसबुक से गुजारिश भी की है कि वह इस पेज को डिएक्टिवेट करने का कारण बताए। रेटनर ने कहा, 'यह गुजारिश दुर्भाग्यवश बिना जवाब के रही है।' यह सुझाव दिया गया है कि फेसबुक के नियम, जो "आग्नेयास्त्रों के ब्रांडिंग को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों" पर प्रतिबंध लगाते हैं, आईएसएसएफ पेज को हटाने वाले मंच का एक कारण हो सकता है।
आईएसएसएफ का फेसबुक पेज पिछले साल विवाद का विषय रहा था, जब शासी निकाय ने एक तस्वीर कैप्शन प्रतियोगिता को पोस्ट किया था, जिसे खेल के भीतर कुछ लोगों द्वारा 'अपमानजनक' बताया गया था। आईएसएसएफ के अध्यक्ष कुलीन व्लादिमीर लिसिन ने आलोचना को खारिज कर दिया और दावा किया कि यह पोस्ट 'हल्का-फुल्का' था।