2012 लंदन ओलंपिक्स में कांस्य पदक जीतने वाले शूटर गगन नारंग को 2019 खेल दिवस के मौके पर राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया। 2011 में उन्हें पद्म श्री और राजीव गाँधी खेल रत्न से भी सम्मानित किया गया था। खेल प्रोत्साहन के मौके पर उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी बातों और अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलंपिक्स का भी जिक्र किया।
गगन नारंग फ़िलहाल पवन सिंह के साथ मिलकर गगन नारंग स्पोर्ट्स प्रमोशन फाउंडेशन (GNSPF) चला रहे हैं और 2011 से इसके माध्यम से भविष्य के शूटर तैयार कर रहे हैं। राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार मिलने के बाद गगन ने कहा कि यह एक जिम्मेदारी है और मैं काफी गौरवान्वित भी महसूस कर रहा हूँ। ऐसे पुरस्कार से आपके कड़ी मेहनत को पहचान मिलती है और और हम भविष्य में और बेहतर करने के लिए प्रेरित होते हैं।
गगन नारंग ने यह भी कहा कि 2011 से हम शूटिंग को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावादेते हुए छोटे शहरों में भी पहुंचा रहे हैं और हमारा यही प्रयास है कि आने वाले समय में हम ज्यादा से ज्यादा मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को आगे लाएं।
नारंग ने कहा," जब मैंने शुरुआत की थी तब मेरे माता-पिता को 1.5 लाख की राइफल खरीदने के लिए जमीन बेचना पड़ गया था। मैंने अपने खेल में अच्छा किया और 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में चार स्वर्ण पदक जीते। इसके बाद मुझे काफी कुछ सोचने का मौका मिला और मुझे ऐसा लगा कि मैं भी इस खेल को वापस कुछ दे सकता हूँ। मैं चाहता था कि किसी भी माँ-बाप को अपने बच्चे को ओलंपिक्स तक पहुंचाने के लिए अपना घर या जमीन न बेचना पड़े। हमारे फाउंडेशन ने इसमें अच्छा काम किया है और GNSPF के गन फॉर ग्लोरी शूटिंग एकेडमी के तहत युवाओं को अब आर्थिक स्थिति के कारण अपने सपनों को कुर्बान करने की जरूरत नहीं है।"
गगन नारंग ने यह भी कहा कि 2016 रियो ओलंपिक्स के मुकाबले 2020 टोक्यो ओलंपिक्स में हमारा प्रदर्शन ज्यादा बेहतर होगा और हमारे पास ज्यादा पदक जीतने के मौके होंगे। नारंग खुद भी अपने पांचवें ओलंपिक्स में क्वालीफाई करने के लिए तैयारियां कर रहे हैं।
गौरतलब है कि गन फॉर ग्लोरी एकेडमी के भारत में 16 सेंटर हैं और 50 से ज्यादा शूटर अंतरराष्ट्रीय स्तर की कोचिंग प्राप्त कर रहे हैं। एकेडमी के शूटर ने अभी तक 165 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं और राष्ट्रीय टीम के नियमित सदस्य भी हैं।
गन फॉर ग्लोरी के अलावा GNSPF के तहत प्रोजेक्ट लीप भी शुरू किया गया है, जिसमें बेहतर शूटर्स को आसानी से आगे आने में मदद मिलेगी।