‘उम्र महज़ एक आंकड़ा है’, इस कथन को एक बार फिर सच साबित कर रहे हैं भारत के स्टार शूटर संजीव राजपूत (Sanjeev Rajput) जो 40 वर्ष की उम्र में अपने तीसरे ओलंपिक के लिए तैयार हैं।
अब तक जो पिछले दोनों ओलंपिक में संजीव ने नहीं किया है, इस बार वह इससे भी आगे निकलने को बेताब हैं और ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ देने पर उनकी नज़र है। इससे पहले वह अपने पिछले दो ओलंपिक मुकाबलों (बीजिंग 2008 और लंदन 2012) में फाइनल राउंड में जगह बनाने से चूक गए थे।
कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी ने भी इस भारतीय शूटर के मज़बूत हौसले को नहीं डगमगाया, लॉकडाउन के कारण करीब एक साल तक प्रतियोगिताओं से बाहर रहने के बाद भी उन्होंने वापसी करते हुए ट्रायल में अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज में पहले चयन ट्रायल के दौरान राजपूत ने पुरुषों की 50 मीटर राइफ़ल 3P में 1181 के स्कोर के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया।
ओलंपिक चैनल के साथ हुई बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "कोरोना वायरस के कारण एक साल से भी अधिक समय तक खेल से दूर रहने के बाद वापसी करना और बेहतरीन प्रदर्शन करना मनोवैज्ञानिक और व्यावहारिक रूप से बहुत मुश्किल था। उस बाधा को पार करने के बाद मेरा ये प्रदर्शन आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है"
संजीव राजपूत ने 2019 में रियो में आयोजित ISSF विश्व कप में रजत पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक के लिए अपना स्थान पक्का किया था।
टोक्यो ओलंपिक के लिए उन्होंने अपनी फ़िटनेस पर ज़ोर देते हुए कहा, "मैंने अपनी फ़िटनेस और फॉर्म में आने के लिए कुछ दिन पहले ही अभ्यास शुरू किया था। मैं अपने धैर्य और मनोवैज्ञानिक मजबूती पर काम कर रहा हूं। इससे मुझे गलतियों को दूर करने में मदद मिलेगी। मैं पिछले चार सालों से अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं, मैंने सभी प्रमुख स्पर्धाओं में जीत हासिल की है। इसके अलावा 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण और 2018 एशियन गेम्स में रजत पदक भी जीता है।"
टोक्यो ओलंपिक के लिए पहले से सुरक्षित 15 कोटा स्थानों के साथ, भारत अब तक का अपना सबसे बड़ा शूटिंग दल भेजने के लिए तैयार है। माना जा रहा है कि भारतीय. शूटर टोक्यो में देश की सबसे बड़ी पदक उम्मीद हैं।
ओलंपिक में भारत का इतिहास भी शूटरों के लिए सुनहरा रहा है, और इसी बेहतरीन अतीत के साथ संजीव राजपूत जैसे दिग्गज शूटरों के दम पर भारत एक नया इतिहास बनाने की उम्मीद संजोय है।