भारतीय जूनियर टीम पिस्टल कोच जसपाल राणा ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए ब्राजील के निजी निशानेबाजी क्लब में अपने 6 ट्रेनियों के साथ ट्रेनिंग करने से इंकार कर दिया है। जसपाल राणा ने बढ़ते मामले और भारत में यात्रा पाबंदी को ध्यान में रखते हुए ट्रेनिंग से इंकार किया। कई बार के एशियाई चैंपियन 44 साल के जसपाल राणा ने जोर देकर कहा कि उनके लिए उनके निशानेबाजों का स्वास्थ्य शीर्ष प्राथमिकता है।
जसपाल राणा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, 'दो दिन पहले मुझे निजी ब्राजील निशानेबाजी क्लब क्यूआबा शूटिंग क्लब के अध्यक्ष मार्कस कोरिया का संदेश मिला, जिसमें उन्होंने कहा कि वह पिस्टल ट्रेनिंग शुरू कर रहे हैं और चाहते हैं कि मैं अपने छह ट्रेनियों के साथ उनसे जुड़ूं। मैंन यह प्रस्ताव ठुकरा दिया क्योंकि दुनिया में हर जगह कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। मैंने उन्हें धन्यवाद दिया और जानकारी दी कि हमारे निशानेबाजों को इस समय भारत से बाहर यात्रा करने की अनुमति नहीं है।'
वैसे, यह प्रस्ताव निजी तौर पर जसपाल राणा को भेजा गया था क्योंकि नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआएआई) को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। एआरएआई के एक अधिकारी ने कहा, 'हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।' प्रस्ताव ठुकराने के बावजूद जसपाल राणा ने स्वीकार किया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम स्पर्धाओं से निशानेबाजों पर प्रभाव पड़ रहा है और जब प्रतियोगिताएं दोबारा शुरू होंगी तो उनके लिए कड़ी चुनौती होगी।
जसपाल राणा ने इसे माना चुनौती
जसपाल राणा ने कहा, 'हमारे लड़के और लड़कियों ने लंबे समय से कोई टूर्नामेंट नहीं खेला है। आप यह भी नहीं जानते कि सब दोबारा कब खुलेगा। बिना किसी अभ्यास या प्रतियोगिता के ओलंपिक साल में जाना हमारी युवा ब्रिगेड के लिए अलग तरह की चुनौती होगी।'
जसपाल राणा ने आगे कहा, 'कोविड-19 के समय जिंदगी काफी चुनौतीपूर्ण है और इस बात को ध्यान रखना होगा कि निशानेबाज अपना पूरा ध्यान केंद्रित रखें। कई निशानेबाज युवा हैं और उन्हें यह समझने की जरूरत है कि ओलंपिक में किस प्रकार का दबाव होता है। मेरी प्रार्थना है कि यह कोरोना वायरस पूरी तरह समाप्त हो और ओलंपिक्स से पहले कुछ प्रतियोगिताएं मिले, ताकि निशानेबाज अपना विश्वास दोबारा हासिल कर सकें।'
जसपाल राणा के लिए खुशखबरी
मुश्किल समय के बीच यह साल जसपाल राणा के लिए अच्छी खबर भी लाया है। 29 अगस्त को जसपाल राणा को द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। भावुक जसपाल राणा ने कहा, 'द्रोणाचार्य अवॉर्ड जो मैंने जीता, वो सिर्फ मेरा नहीं बल्कि उन सभी का है, जो मेरी निशानेबाजी यात्रा में शामिल रहे। जिंदगी आपको चुनौती देती है। यह आपके ऊपर है कि आप उसे किस तरह संभालते हैं। मैंने इसका आनंद लिया। मेरी यात्रा में ऐसे कई लोग हैं, जो इसका हिस्सा रहे।'