दिव्यांश सिंह पंवार और इलावेनिल वलारिवान की जोड़ी ने आईएसएसएफ विश्व कप में 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया। इसी के साथ भारत ने आईएसएसएफ विश्व कप में चौथा गोल्ड मेडल जीता। दिव्यांश-इलावेनिल की जीत इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि इन्होंने दुनिया में नंबर-1 हंगरी की इस्तावान पेनी और इस्जतर डेनेस को पीछे छोड़ा।
दिव्यांश-इलावेनिल की जोड़ी ने गोल्ड मेडल मैच में 16 अंक बनाए जबकि दुनिया की नंबर-1 हंगरी की इस्तावान पेनी और इस्जतर डेनेस 10 अंक ही बना पाए। डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में चल रही प्रतियोगिता में भारत के दोनों खिलाड़ियों ने अंतिम शॉट में समान 10.4 अंक बनाए जबकि हंगरी की जोड़ी ने 10.7 और 9.9 अंक बनाए।
इससे पहले वाले दौर में भारतीय खिलाड़ियों ने 10.8 का समान स्कोर बनाकर अपनी जीत पक्की कर दी थी क्योंकि हंगरी के दोनों खिलाड़ी समान 10.4 अंक ही बना पाए थे। मैरी कारोलिन टकर और लुकास कोजेनीस्की की अमेरिकी जोड़ी ने पोलैंड की अनेटा स्टेनकीवज और टॉमस बर्टनिक को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता।
इससे पहले इलावेनिल और दिव्यांश ने दूसरे क्वालीफिकेशन में क्रमश: 211.2 और 210.1 अंक बनाकर कुल 421.3 का स्कोर के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया था। पेनी और डेनेस ने क्वालीफिकेशन में कुल मिलाकर 419.2 अंक हासिल किए थे। इस स्पर्धा में भाग ले रही भारत की अन्य जोड़ी अंजुम मुदगिल और अर्जुन बाबुता फाइनल में जगह नहीं बना पाए। वह 418.1 के स्कोर के साथ क्वालीफिकेशन में पांचवें स्थान पर रहे थे।
फाइनल्स में दिव्यांश और इलावेनिल ने 10.4 और 10.7 से शुरुआत की जबकि हंगरी के खिलाड़ियों ने समान 10.1 का स्कोर बनाया। भारतीय जोड़ी ने लगातार 10.4 या इससे अधिक का स्कोर बनाया और हंगरी की टीम को कोई मौका नहीं दिया। दिव्यांश का यह टूर्नामेंट में दूसरा मेडल है। उन्होंने पहले दिन व्यक्तिगत वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
जोड़ीदार के खेल का प्रभाव नहीं पड़ता: इलावेनिल
युवा राइफल निशानेबाज इलावेनिल वलारिवान ने कहा कि टीम स्पर्धा में उनके जोड़ीदार के प्रदर्शन का उनके व्यक्तिगत खेल पर प्रभाव नहीं पड़ता। इलावेनिल से पूछा गया कि क्या उनके जोड़ीदार के प्रदर्शन का उन पर प्रभाव पड़ता है, उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि इसका कोई प्रभाव पड़ता है। भले ही आखिर में संयुक्त स्कोर मायने रखता है लेकिन तब आप यह नहीं सोचते कि आपका साथी कैसा प्रदर्शन कर रहा है। किसी एक शॉट के लिये आप खुद पर ध्यान देते हो। शॉट पूरा होने के बाद आप इसका पता कर सकते हो कि अच्छा उसने इतना स्कोर बनाया और मैंने इतना लेकिन मुझे नहीं लगता कि शॉट लेते समय इससे कोई अंतर पैदा होता है।'
दिव्यांश के मामले में ऐसा नहीं है। दिव्यांश ने कहा, 'मैं फाइनल्स में खेलते हुए यह भी देखता हूं कि अन्य कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं। मैं दूसरों पर भी ध्यान देता हूं। मैं यह भी देखता हूं कि मेरी बगल में खड़ा निशानेबाज जल्दी शॉट लेता है या देर से। इससे भविष्य में मुझे मदद मिल सकती है। आप यह कह सकते हो कि यह मेरी रणनीति का हिस्सा है। मेरा मानना है कि मैं हर किसी से कुछ सीख सकता हूं।'