भारत के पिस्टल और राइफल निशानेबाज शुक्रवार से शुरू होने वाले आईएसएसएफ विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए बेकरार रहेंगे। कोविड-19 महामारी के कारण इन निशानेबाजों को एक साल से ज्यादा समय से कोई टूर्नामेंट खेलने का मौका नहीं मिला। महामारी के बीच दुनिया में ओलंपिक खेल की इस तरह के स्तर की यह पहली प्रतियोगिता होगी, जिसमें कई देश शिरकत कर रहे हैं और भारत इसमें 57 सदस्यीय मजबूत दल उतार रहा है, जिसमें से 15 निशानेबाज टोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुके हैं।
पिस्टल और राइफल निशानेाबाजों के लिये यह अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहली प्रतियोगिता होगी क्योंकि स्कीट और ट्रैप निशानेाजों ने पिछले महीने मिस्र के कैरो में शॉटगन विश्व कप में हिस्सा लिया था। भारतीय टीम में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले निशानेबाजों की कमी नहीं है, जिसमें से कुछ तो ओलंपिक से पहले इस टूर्नामेंट को खुद की परीक्षा के तौर पर देखेंगे।
हालांकि, अनीश भानवाला के लिए यह काफी मायने रखता है। 18 साल के अनीश को इस टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर ओलंपिक कोटा हासिल करने में मदद मिलेगी और ऐसे में भारत के कोटाधारी शूटर्स की संख्या 16 हो जाएगी। इस मुहिम में अनीश की मदद कर सकती हैं, उनकी ऊंची विश्व रैंकिंग और उनसे ऊंची रैंकिंग निशानेबाजों का क्वालीफाई करना।
वह इस समय विश्व रैंकिंग में 12वें स्थान पर मौजूद हैं। आईएसएसएफ उस एथलीट को व्यक्तिगत कोटा दे सकता है जिसने 31 मई की समयसीमा तक सबसे ज्यादा रैंकिंग अंक जुटाये हों।
इन शूटर्स के लिए काफी अहम है यह टूर्नामेंट
यह टूर्नामेंट उन निशानेबाजों के लिये काफी अहम है जो रैंकिंग आधारित अंक जुटाकर टोक्यो ओलंपिक के लिए कोटा हासिल करने की कोशिश में जुटे हैं।
टूर्नामेंट के पहले दिन दिव्यांश सिंह पंवार, अर्जुन बाबुता और दीपक कुमार पुरूष 10 मीटर एयर राइफल क्वालीफिकेशन में हिस्सा लेंगे। पंकज कुमार और ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर एमक्यूएस (न्यूनतक क्वालीफिकेशन स्कोर) वर्ग में निशाना लगायेंगे।
इसके बाद महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में अत्यंत प्रतिभाशाली इलावेनिल वालारिवान, अंजुम मोदगिल और अपूर्वी चंदेला (टोक्यो ओलंपिक के लिये भारत की पहली दो कोटा हासिल करने वाली निशानेबाज) भाग लेंगी। श्रीयंका सदांगी और निशा कंवर एमक्यूएस वर्ग में हिस्सा लेंगी।