राइफल का आयात करने के बारे में पूछने के लिए एमएस धोनी ने एक बार रात 2 बजे ई-मेल भजा, जो उन्हें रांची के घर में भेजी गई। एमएस धोनी फिर रेंज में गए और निशानेबाजी में अपने हाथ आजमाए। महेंद्र सिंह धोनी ने बुल्स आई पर निशाना साधा और इसमें उनकी रुचि जागी, जिसके बाद आने वाले कई सालों में वह देश की अलग-अलग रेंज गए और खेल में अपनी शैली दिखाई। एमएस धोनी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। एमएस धोनी ने वाल्थर राइफल आयात की है। ये वही मॉडल है जो एक और चैंपियन खिलाड़ी अभिनव बिंद्रा ने ओलंपिक्स में ऐतिहासिक गोल्ड मेडल जीतने के समय उपयोग की थी।
यह 10 साल पहले की बात है जब भारतीय निशानेबाजों ने विश्व मंच पर हावी होना शुरू किया था। एमएस धोनी भी भारतीय राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन (एनआरएआई) के आजीवन सदस्य हैं, उनके पास दूसरा विश्व कप खिताब जीतने का यहां मौका बन सकता है।
एमएस धोनी के पास जो मॉडल है, वो है एलजी300एक्सटी वाल्थर कार्बनटेक। इंडियनशूटिंग डॉट कॉम वेबसाइट चलाने वाले भारत के पूर्व निशानेबाज शिमोन शरीफ ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, 'मुझे एक बार देर रात करीब दो बजे एक मेल आया। राइफल को आयात करने के लिए मैंने पूरा नाम और पता पूछा तब उन्होंने कुछ ही मिनटों में अपने पूरे नाम के साथ रांची का पता भेजा। तब मुझे एहसास हुआ कि यह वही (धोनी) है।' शरीफ प्रमुख भारतीय निशानेबाजों के लिए उपकरणों के लिए शीर्ष आयातकों में से एक है।
एमएस धोनी निशानेबाजी में पेशेवर की तरह हैं
एमएस धोनी के संन्यास की घोषणा करने के कुछ देर बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले सुरेश रैना से हाल ही में निशानेबाज मानवादित्य सिंह राठौर की बातचीत हुई थी। सुरेश रैना ने बताया था कि एमएस धोनी निशानेबाजी में पेशेवर की तरह है। पता हो कि मानवादित्य ओलंपिक रजत-पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के बेटे हैं। मानवादित्य ने बताया कि जब धोनी उनके घर आए थे, तब से वह उनकी निशानेबाजी से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, 'एमएस धोनी की निशानेबाजी में भी काफी रुचि है। मुझे लगता है कि वह हर समय सही निशाना साधते है।'
एमएस धोनी ने अतीत में अपने निशानेबाजी कौशल का प्रदर्शन किया है। 2017 में जब कोलकाता में वर्षा के कारण एक टीम अभ्यास सत्र रद्द हुआ था तब एमएस धोनी कोलकाता पुलिस प्रशिक्षण स्कूल गए थे और पिस्टल निशानेबाजी में अपना हाथ आजमाया था। कोलकाता पुलिस ने तब कहा था, 'एमएस धोनी की सटीकता शानदार है।'
शरीफ ने कहा, 'जब एमएस धोनी ने यह राइफल ली थी, तब मैंने इसे खेल के तौर पर लेने के लिए उन्हें मदद करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन वह क्रिकेट प्रतिबद्धताओं के कारण काफी व्यस्त थे। मैंने कई पेशेवर एथलीटों को देखा है, जिसने अपने खेल से संन्यास लेने के बाद निशानेबाजी में हाथ आजमाया और ओलंपिक चैंपियन भी बने। अन्य खेलों के उलट निशानेबाजी और गोल्फ में खिलाड़ी अधिक उम्र तक खेल सकते है।'