Paris Olympics 2024 Neeraj Chopra: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को आज नीरज चोपड़ा से उम्मीद है कि जेवलिन थ्रो में वह भारत को एक मेडल दिलाएंगे। अगर नीरज चोपड़ा स्वर्ण पदक जीत लेते हैं तो वह ओलंपिक इतिहास में जेवलिन का गोल्ड बरकरार रखने वाले पांचवें एथलीट बन जाएंगे। इसके साथ ही वह इंडीविजुअल इवेंट में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी भी बन जाएंगे।
आपने देखा होगा कि जेवलिन थ्रो में एथलीट एक हाथ से भाले या जेवलिन को थ्रो करता है। एक हाथ से खिलाड़ी इस बड़े से भाले को 90 मीटर तक दूर तक फेंकते हैं इसी भाले पर पूरी हार और जीत टिकी होती है। सभी के मन में यह सवाल आता होगा कि इस भाले का कितना ही वजन होता होगा इसे फेंकना आसान होता होगा। तो आपको बताते हैं कि इस भाले का वजन कितना होता है।
एथलीट एक हाथ से 90 मीटर तक फेंकते
जेवलिन थ्रो में दिखने वाली यह पतली सी स्टिक काफी भारी होती है और इसकी लंबाई भी काफी ज्यादा होती है। इस स्टिक को एथलीट एक हाथ से 90 मीटर तक फेंक देते हैं। मगर इसके लिए काफी प्रैक्टिस की जरूरत होती है।
जेवलिन की शेप नियमों के अनुसार
जेवलिन थ्रो के नियमों के अनुसार जेवलिन की शेप बेलनाकार होती है और जेवलिन के दोनों सिरे पतले और नुकीले होते हैं।
पुरुष कैटेगरी में जेवलिन का वजन
पुरुष और महिला दोनों के लिए जेवलिन का वजन अलग- अलग होता है। पुरुष कैटेगरी में यूज होने वाले जेवलिन का वजन कम से कम 800 ग्राम होता है और इसकी लंबाई 2.6 मीटर और 2.7 मीटर के बीच होती है।
महिला कैटेगरी में जेवलिन का वजन
महिला कैटेगरी में जेवलिन का मिनिमम वजन 600 ग्राम होता है और इसकी लंबाई 2.2 मीटर और 2.3 मीटर के बीच होती है।
तीन हिस्सों में बटी होती है जेवलिन
आपको बता दें कि एक जेवलिन के तीन हिस्से होते हैं। इसमें एक हेड, शाफ्ट और कॉर्ड ग्रिप होता है। ऊपरी वाले हिस्से को हेड या फिर टिप कह सकते हैं और यह प्लेन होती है बिल्कुल भी खुरदरी नहीं होती है। कॉर्ड ग्रिप वो सिरा होता है जहां से खिलाड़ी जेवलिन को पकड़कर ग्रिप बनाते हैं।