भारतीय इतिहास में महान भारोत्तोलको का उत्त्पादक रहा है पहाड़ी राज्य मणिपुर, लेकिन कोई भी कुंजुरानी देवी की क्षमता से मेल नहीं खा सका है। कुंजरानी 90 के दशक के दौरान प्रभावशाली भारोत्तोलक थी और विश्व और एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप में पदक जीतकर देश का गौरव लौटाती रहीं। एक कदम और आगे बढ़ते हुए कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। सानमचा चानू थिंगबजान, नंगबाम सोनिया चानू और मोनिका देवी, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती स्पर्धाओं में मंच पर अपनी जगह बनायी ऐसे उल्लेखनीय भारोत्तोलकों का निर्माण करने की मणिपुर की एक पुरानी परंपरा रही है। पुरुष वर्ग में 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर कातुलू रवि कुमार हाल के वर्षों में भारत की उज्ज्वल उम्मीद के रूप में उभरे हैं। वहीं सुखेन डे और सतीश शिवलिंगम ने हाल ही में संपन्न ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर शानदार भविष्य की उम्मीद दिखाई है।