1960 और 1961 में विंबलडन के सेमीफाइनल तक रामनाथन कृष्णन पहुंचे और फिर कृष्णन ने 1966 में डेविस कप में जयदीप मुखर्जी और प्रेमजीत लाल जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के साथ मिलकर अच्छा प्रदर्शन किया था। 70 के दशक में अमृतराज भाइयों के नाम उभरा , जब दोनों ने 1974 में भारत को डेविस कप के फाइनल में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अपने करियर के शीर्ष पर विराजमान रहते हुए विजय अमृतराज विंबलडन (1 973, 1981) और यूएस ओपन (1973, 1974) के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे। मगर भारतीय टेनिस की विश्व स्तर पर एक अलग पहचान बनी जब लियंडर पेस और महेश भूपति फ्रेंच ओपन (1999 और 2001) और विंबलडन (1999) को जीतकर टेनिस के इतिहास में सबसे शक्तिशाली युगल जोड़ी बन उभरे। "द इंडियन एक्सप्रेस" के नाम से लोकप्रिय यह जोड़ी 1999 में सभी चार ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंची थी। साथ ही पेस ने अटलांटा ओलंपिक (1996) में पुरुष एकल में कांस्य पदक जीता था। लिएंडर और महेश दोनों ही युगल खिलाड़ियों के रूप में बहुत सफल रहे हैं और युगल और मिश्रित युगल वर्ग में कई ग्रैंड स्लैम पिछले वर्षों में एटीपी सर्किट पर जीते हैं। इसके बाद सानिया मिर्जा विश्वस्तर पर भारत की अग्रणी महिला टेनिस स्टार बनकर उभरी हैं। सानिया ने एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए पदक जीते हैं और 2015 में स्विस खिलाड़ी मार्टिना हिंगिस के साथ विंबलडन और यूएस ओपन जीत सफलता का इतिहास रचा। हाल के वर्षों में सोमदेव देववर्मन,युकी भांबरी, साकेत मायनी और सनम सिंह का भी नाम उभरा परन्तु वह सफलता नहीं हासिल कर सके। रोहन बोपन्ना ने इसी साल फ्रेंच ओपन का युगल ख़िताब जीत भारत को टेनिस में एक और सफलता दिलाई है।