PR Sreejesh Given Big Responsibility : भारतीय हॉकी टीम
के पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने संन्यास ले लिया। उन्होंने पहले ही बता दिया था कि पेरिस ओलंपिक उनका आखिरी होगा और ब्रॉन्ज मेडल मैच खेलने के बाद उन्होंने भारतीय हॉकी को अलविदा कह दिया। हालांकि संन्यास के बाद भी पीआर श्रीजेश हॉकी टीम के साथ जुड़े रहेंगे। हॉकी इंडिया ने उनको बड़ी जिम्मेदारी देने का ऐलान किया है।
पीआर श्रीजेश जैसे कीपर की कमी टीम इंडिया को काफी खलने वाली है। वो कई सालों तक भारत की दीवार बने रहे लेकिन अब हॉकी को अलविदा कह दिया है। पेरिस ओलंपिक में भी उन्होंने कई ऐसे सेव किए जो शर्तिया गोल हो सकते थे, लेकिन एक दीवार की तरह पीआर श्रीजेश डटे रहे और भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया। स्पेन के खिलाफ जीत के बाद भारत के हर एक खिलाड़ी ने कहा कि यह जीत पीआर श्रीजेश को समर्पित है।
पीआर श्रीजेश को जूनियर टीम का कोच बनाने का किया गया ऐलान
पीआर श्रीजेश के योगदान को देखते हुए हॉकी इंडिया ने बड़ा ऐलान किया है। हॉकी इंडिया के जनरल सेक्रेट्री भोलानाथ सिंह ने कहा कि पीआर श्रीजेश को भारत की जूनियर हॉकी टीम का कोच बनाया जाएगा। इसका मतलब यह है कि पीआर श्रीजेश संन्यास के बाद भी भारत की हॉकी टीम से जुड़े रहेंगे और जूनियर खिलाड़ियों को कोचिंग देते नजर आएंगे।
अगर हम पीआर श्रीजेश के करियर पर नजर डालें तो उन्होंने कुल 335 मैच अपने 18 साल के लंबे करियर में खेले और इस दौरान दो ओलंपिक मेडल जीते। भारत को दो ओलंपिक मेडल दिलाने में श्रीजेश का योगदान शायद सबसे ज्यादा रहा। हर एक मैच में उन्होंने जिस तरह के सेव किए, उससे टीम इंडिया मैच में पीछे नहीं हुई। हर एक मुकाबले में पीआर श्रीजेश ने अपनी कीपिंग का जबरदस्त नमूना पेश किया।
आपको बता दें कि पीआर श्रीजेश ने 2006 में अपना डेब्यू भारतीय टीम के लिए किया था और इसके बाद से पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्हें 2008 के जूनियर एशिया कप में बेस्ट गोलकीपर का अवॉर्ड भी मिला था। वो 2016 में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान भी बने थे।